यूक्रेन युद्ध ने पश्चिमी देशों को अपने ही लोगों के सामने किया बेइज़्ज़त: बशार अल-असद
सीरिया के राष्ट्रपति बशार अल-असद ने शिक्षक दिवस अवसर पर देश भर के अनुकरणीय शिक्षकों के साथ बैठक में कहा कि उनके देश को ऐसे स्नातकों की ज़रूरत है जो अपने देश के लिए बलिदान देने के लिए तैयार हों, न यह कि अपने निजी हितों के लिए मातृभूमि और लोगों की क़ुर्बानी दें।
सीरिया की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी साना के अनुसार राष्ट्रपति बशार अल-असद ने गुरुवार को अपने भाषण में ज़ोर देकर कहा कि नैतिकता के बिना विज्ञान नुक़सान की ओर ले जाता है और देशभक्ति की कमी से मातृभूमि का विनाश होता है, इसलिए शिक्षक को शिक्षक होने के साथ नैतिक मूल्यों के आधर पर छात्रों को तैयार करने की आवश्यकता है, अध्यापकों को नैतिक शिक्षक बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चूंकि मातृभूमि की पीढ़ियों का भविष्य शिक्षकों पर छोड़ दिया गया है इसलिए हमें एक ऐसी पीढ़ी की ज़रूरत है जो चुनौतियों का सामना कर सके जिसका सामना हम अभी कर रहे हैं।
राजनीतिक मुद्दों पर अपने भाषण के हिस्से में सीरिया के राष्ट्रपति ने ज़ोर देते हुए कहा कि यूक्रेन में युद्ध के बाद पश्चिम अपनी भूमिका, उपस्थिति और छवि के मामले में एक ऐतिहासिक दौर से गुज़र रहा है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम जिस नीति का अनुसरण कर रहा है वह ज़बर्दस्ती दुनिया को जंगल में बदलने की नीति है, और यूक्रेन युद्ध ने पश्चिम को उनके ख़ुद के लोगों के सामने नीचा बना दिया है।
राष्ट्रपति बशार अल-असद ने यह भी ज़ोर देकर कहा कि दुनिया संघर्ष की ओर बढ़ रही है और हमें इस बारे में गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है कि चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम ने साबित कर दिया है कि उसे अंतर्राष्ट्रीय क़ानून की बिल्कुल परवाह नहीं है, और उसने अंतर्राष्ट्रीय क़ानून संस्थानों का उल्लंघन भी किया है और दुनिया को जंगल में बदल दिया है।