सूडान संकट में नकारात्मक भूमिका निभा रहा है यूएई वाशिंगटन में अरब केंद्र (ACW) ने कहा है कि सूडान में शांतिपूर्ण संक्रमण प्रक्रिया के लड़खड़ाने के पीछे यूएई के नेतृत्व में कई देशों का क्षेत्रीय हस्तक्षेप है।
सूडान संकट के बारे में केंद्र ने घोषणा की कि 25 अक्टूबर, 2021 को, सूडानी जनरल अब्दुल फत्ताह अल-बुरहान ने तख्तापलट किया, आपातकाल की स्थिति घोषित की, सत्ता-साझाकरण परिषद को भंग कर दिया, नागरिक सरकार को हटा दिया और अस्थायी रूप से प्रधान मंत्री अब्दुल्लाह हमदौक और उनके मंत्रियों को हिरासत में लिया।
सूडान के इतिहास में सैन्य तख्तापलट आम बात है। यह, अफ्रीका और अरब दुनिया के कई अन्य देशों की तरह, दशकों से मार्शल लॉ के अधीन है। लंबे वक़्त से सूडान पर राज कर रहे उमर अल-बशीर को दो साल पहले सत्ता से हटाए जाने के बाद एक अंतरिम सरकार अस्तित्व में आई थी। तभी से सेना और नागरिक सरकार में तकरार की स्थिति बनी हुई थी।
सूडान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उसे मदद हासिल हो रही थी लेकिन सेना के तख़्तापलट के बाद पर इस मदद पर आशंका के बादल घिर गए हैं। ग़ौरतलब है कि सूडान को आतंकवाद का एक राज्य प्रायोजक घोषित करने और वित्तीय संस्थानों को अपनी सरकार और कुछ कंपनियों या व्यक्तियों के साथ व्यापार करने से प्रतिबंधित करने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1997 में सूडान पर प्रतिबंध लगाए थे।
इस साल की शुरुआत में, वाशिंगटन ने अतिगृहित इस्राइली शासन के साथ संबंधों के सामान्यीकरण की घोषणा पर सूडान पर प्रतिबंध हटा दिए थे। जबकि इन सब सूडान संकट में नकारात्मक भूमिका निभाता रहा है यूएई और इस पर किसी तरह की भी टिप्पणी करने से इंकार करता रहा है।