इराक़ में सरकार गिराने की दो-चरणीय इज़रायली साज़िश का खुलासा
इराक़ के वरिष्ठ धार्मिक नेता आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि, सैयद सदरुद्दीन क़पांची ने शुक्रवार को नजफ़ में दिए गए अपने जुमा ख़ुत्बे में एक गंभीर और चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इज़रायल ने इराक़ की मौजूदा सरकार को गिराने और अपनी पसंद की सरकार सत्ता में लाने के लिए एक दो-चरणीय साज़िश तैयार की है।
क़पांची ने कहा कि यह कोई कल्पना या अनुमान नहीं, बल्कि उन्हें यह जानकारी इराक़ के उच्च स्तरीय सूत्रों से प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि इज़रायली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद और सेना इस योजना में शामिल हैं, जिसका पहला चरण “चारचूब-ए-तंसीक़ी” (Coordinating Framework) नामक राजनीतिक गठबंधन के नेताओं को ख़त्म करना है। इसके बाद योजना यह है कि इराक़ पर एक “राष्ट्रीय बचाव सरकार” (National Salvation Government) थोप दी जाए, जो इज़रायल और उसके सहयोगियों के हितों को साधे।
इस्लामी नेता ने कहा कि ईरान के साथ हुई घटनाएं इस साज़िश को समझने के लिए एक मिसाल हैं। उन्होंने कहा: “जिस तरह इज़रायल ने ईरान में पहले नेतृत्व को निशाना बनाया और फिर सरकार में खालीपन पैदा कर वहां अपना असर बढ़ाना चाहा, ठीक वैसा ही प्लान इराक़ के लिए तैयार किया गया है।”
क़पांची ने इज़रायल को चेतावनी देते हुए कहा:
“हम मानते हैं कि ये तमाम कोशिशें नाकाम होंगी। जब ईरान में कमांडरों की शहादत हुई थी, तब वहां की जनता के प्रतिरोध और जवाबी कार्रवाई से सारा समीकरण बदल गया था और मिसाइलें इज़रायल की ओर दागी गई थीं। इज़रायल को उस अनुभव से सबक़ लेना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा:
“हम अल्लाह पर ईमान रखते हैं, और यक़ीन है कि जीत उसी की ओर से आती है। हमारा राष्ट्र इमाम हुसैन (अ.स) से मुहब्बत करता है, और हमारा अकीदा है कि अल्लाह हमें कभी तनहा नहीं छोड़ेगा।”
इस खुलासे ने इराक़ के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, और अब निगाहें इस बात पर हैं कि सरकार और धार्मिक नेतृत्व इस ख़तरे से निपटने के लिए क्या क़दम उठाते हैं। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब इराक़ पहले ही राजनीतिक अस्थिरता और विदेशी हस्तक्षेपों का सामना कर रहा है।

