तुर्की राष्ट्रपति अर्दोग़ान ने आयतुल्लाह ख़ामेनई से की मुलाक़ात
ईरान के दौरे पर आये तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई से मुलाक़ात की। आयतुल्लाह ख़ामेनई ने मंगलवार को होने वाली इस मुलाक़ात में जिसमें तुर्की के राष्ट्रपति के अलावा शिष्टमंडल भी मौजूद था। इस बैठक में आयतुल्लाह ख़ामेनई ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग एवं मदद को ख़ास तौर पर बढ़ाने पर ज़ोर दिया है और इस्राइल को इस्लामी देशों के बीच विवाद और फुट की जड़ बताया है।
सुप्रीम लीडर ने इस मुलाक़ात में ईरान-तुर्की की मौजूदा गुंजाइश की तुलना में दोनों मुल्कों के बीच आर्थिक सहयोग और लेन-देन की सतह को बहुत कम बताते हुए कहा कि इस मामले को राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत में हल हो जाना चाहिए। आयतुल्लाह ख़ामेनई का कहना था कि इस्लामी जगत की इज़्ज़त व वैभव का दारोमदार बेबुनियाद मतभेदों को नज़रअंदाज़ करने और फूट डालने वाली नीतियों के मुक़ाबले में होशियारी पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दुश्मनी व फूट की बड़ी वजह इस्राइल है जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका समर्थन करता है।
साथ ही आयतुल्लाह ख़ामेनई ने सीरिया की संप्रभुता को बहुत अहम विषय बताते हुए उत्तरी सीरिया पर हमले की अटकलों का हवाला देते हुए ज़ोर दिया कि यह क़दम निश्चित तौर पर सीरिया के लिए भी, तुर्की के लिए भी और क्षेत्र के लिए भी नुक़सानदेह होगा और इससे सीरियाई सरकार की ओर से अपेक्षित राजनैतिक कार्यक्रम पर अमल कर पाना असंभव हो जाएगा। उन्होंने तुर्क राष्ट्रपति के आतंकवादी गुटों के ख़िलाफ़ आक्रोश भरे बयान की ओर इशारा करते हुए कहाः आतंकवाद के ख़िलाफ़ ज़रूर लड़ना चाहिए लेकिन सीरिया पर फ़ौजी हमले से ज़ायोनियों को फ़ायदा पहुंचेगा, अलबत्ता आतंकवादी भी किसी विशेष गुट तक सीमित नहीं हैं।
उन्होंने इस बात भी पर ज़ोर देते हुए कहा कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन फ़िलिस्तीनियों की प्रभावी प्रगति को नहीं रोक पाएगा, सीरिया के मामले में उन्होंने कहा कि सीरिया की संप्रभुता का सम्मान बहुत अहम है और उत्तरी सीरिया में किसी भी तरह का सैनिक हमला सीरिया , तुर्की सहित पूरे क्षेत्र के नुक़सान और आतंकवादियों के फ़ायदे में होगा।
सुप्रीम लीडर ने फ़िलिस्तीन को इस्लामी जगत का सबसे अहम मुद्दा बताते हुए इस बात पर ज़ोर दिया है कि कुछ सरकारों के ज़ायोनी शासन की ओर झुकाव के बावजूद, कौमें इस अतिग्रहणकारी शासन के बहुत ख़िलाफ़ हैं। उन्होंने अमेरिका और ज़ायोनी शासन पर भरोसा न करने पर बल देते हुए कहा कि आज न तो ज़ायोनी शासन, अमेरिका और न ही कोई और फ़िलिस्तीनियों के बढ़ते क़दम को रोक नहीं पाएगा और नतीजा फ़िलिस्तीनी अवाम के हित में होगा।
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगान की तरफ़ से, आतंकवादी गुटों के ख़िलाफ़ संघर्ष में ईरान से सहयोग की दरख़ास्त के जवाब में कहाः हम आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष में निश्चित तौर पर आपके साथ सहयोग करेंगे। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर देते हुए कहा कि तुर्की और उसकी सीमाओं की सुरक्षा को हम अपनी सरहदों की सुरक्षा समझते हैं,राष्ट्रपति अर्दोग़ान को ख़िताब करते हुए कहाः आप भी सीरिया की सुरक्षा को अपनी सुरक्षा समझें। सीरिया के मसले को बातचीत के ज़रिए हल करना चाहिए और ईरान, तुर्की, सीरिया तथा रूस को इस मामले को बातचीत से अंजाम तक पहुंचाना चाहिए।
सुप्रीम लीडर ने क़राबाख़ के आज़रबाइजान में वापस आने पर ख़ुशी का इज़हार करते हुए कहा कि अगर ईरान-आर्मीनिया की सरहद को बंद करने पर आधारित कोई योजना होगी तो इस्लामी गणराज्य इसका विरोध करेगा। क्योंकि यह सीमा कई हज़ार साल से संपर्क का रास्ता है।
उन्होंने ईरान-तुर्की के बीच सहयोग में विस्तार को सभी मुद्दों के लिए ज़रूरी व फ़ायदेमंद बताते हुए कहा कि हमने हमेशा आपकी सरकार का, बाहरी हस्तक्षेप के ख़िलाफ़ और आंतरिक मामलों में साथ दिया है और जैसा कि आपने कहा कि हम मुसीबत की घड़ी में एक दूसरे के साथी हैं और तुर्की के मुसलमान राष्ट्र के लिए हम दुआ करते हैं।
इस बैठक में जिसमें ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी भी मौजूद थे, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने ईदुल अज़हा और ईदे ग़दीर की मुबारकबाद पेश की और इस्लामी जगत के बीच एकता तथा ईरान तुर्की के बीच समरसता बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि तुर्की कभी भी ईरान के साथ अन्याय पर ख़ामोश नहीं रहा और ईरान-तुर्की के बीच सभी मैदानों में भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।
राष्ट्रपति अर्दोग़ान ने इस बात पर बल देते हुए कि हम ईरान के ख़िलाफ़ एकतरफ़ा पाबंदियों के हमेशा ख़िलाफ़ थे और रहेंगे, कहा कि परमाणु समझौते जेसीपीओए में ईरान की जायज़ मांगों का समर्थन करते हैं और ईरान में पूंजीनिवेश के लिए तुर्क कंपनियों को प्रेरित करते हैं। तुर्की के राष्ट्रपति ने आतंकवादियों से ईरान और तुर्की की बरसों तक चली झड़प का ज़िक्र करते हुए कहाः सीरिया में आतंकवादी गुटों को जर्मनी, ब्रिटेन, फ़्रांस और ख़ास तौर पर अमेरिका की ओर से भारी हथियारों की मदद मिल रही है।
राष्ट्रपति अर्दोग़ान ने सीरिया की संप्रभुता के बारे में तुर्की के स्टैंड को स्पष्ट बताते हुए कहाः सीरियाई सरकार से हमें उम्मीद है कि राजनैतिक प्रक्रिया को शुरू करेगी और संविधान कमेटी की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लेगी। उन्होंने कहा कि आस्ताना बैठक के एजेंडे में सीरिया का मामला ख़ास तौर पर शामिल है और हमें उम्मीद है कि अच्छा नतीजा निकलेगा।