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तुर्की के डगमगाते क़दम, इस्राइल से संबंध बढ़ाने का किया ऐलान

तुर्की के डगमगाते क़दम, इस्राइल से संबंध बढ़ाने का किया ऐलान

तुर्की ने इस्राइल के साथ राजनयिक संबंध पूरी तरह से बहाल करने का फैसला किया है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे समय में जब फ़िलिस्तीनी स्थिरीकरण मोर्चा ने कुद्स के हड़पने और दमनकारी ज़ायोनी शासन के साथ किसी भी तरह के संबंधों को बनाए रखने की निंदा की है।

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान और ज़ायोनी प्रधान मंत्री यायर लैपिड ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान तुर्की और इस्राइल के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली की घोषणा की है। दोनों देश जल्द ही एक-दूसरे के देश में अपने-अपने राजदूत नियुक्त करेंगे। सूत्रों के अनुसार ज़ायोनी शासन के प्रधान मंत्री यायर लैपिड ने इसे एक कूटनीतिक सफलता और क्षेत्रीय स्थिरता और इजरायल के नागरिकों और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी ख़बर बताया है।

ग़ौरतलब बात ये है कि तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने घोषणा के बाद दावा किया कि तुर्की और इस्राइल के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली के बावजूद, तुर्की फिलिस्तीनी मुद्दे को नहीं छोड़ेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों देश एक दशक से अधिक तनावपूर्ण संबंधों को समाप्त करना चाहते हैं। साथ ही राजनयिक संबंधों की बहाली के बाद ज़ायोनी हुकूमत के राष्ट्रपति मार्च में तुर्की की यात्रा पर जाएंगे।

मालूम रहे कि चार साल पहले, ज़ायोनी सेना द्वारा 60 फिलिस्तीनियों की शहादत के बाद, तुर्की ने इस्राइल से अपने राजदूत को वापस बुला लिए थे, जबकि जवाबी कार्रवाई में इस्राइल ने भी अपने राजदूत को वापस बुला लिया गया था। तुर्की और इस्राइल ने 2018 में राजदूतों को निष्कासित कर दिया था और अक्सर इस्राइल-फिलिस्तीनी संघर्ष पर बार-बार अपनी चिंता व्यक्त की थी।

हालाँकि एक समय था जब तुर्की मुसलमान बहुल देश के रूप में इस्राइल का मज़बूत सहयोगी था लेकिन तैयब अर्दोग़ान की सरकार आने के बाद से चीज़ें तेज़ी से बदलीं। फिलिस्तीनियों के मुद्दे पर अर्दोग़ान इस्राइल के ख़िलाफ़ हमेशा से आक्रामक रहे हैं।

बताया जा रहा है कि ऊर्जा संभावित सहयोग के लिए एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में उभरा है क्योंकि तुर्की और इस्राइल अपने संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।

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