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तुर्की ने ग़ाज़ा नरसंहार के आरोप में नेतन्याहू के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी किए

तुर्की ने ग़ाज़ा नरसंहार के आरोप में नेतन्याहू के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी किए

तुर्की ने ग़ाज़ा नरसंहार के आरोप में इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। तुर्की ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू के अलावा इज़रायल के रक्षामंत्री इस्राइल काट्ज़, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बिन गवीर, चीफ़ ऑफ़ स्टाफ हर्ज़ी हालेवी और नौसेना कमांडर डेविड सार सलामा सहित कुल 36 उच्चस्तरीय राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों के खिलाफ ये वारंट जारी किए हैं। उन पर “ग़ाज़ा में नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने” का आरोप लगाया गया है।

इस्तांबुल के मुख्य लोक अभियोजक के कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि ये वारंट, ग़ाज़ा में इज़रायली सैन्य अभियानों के दौरान नागरिकों को निशाना बनाए जाने वाले “संगठित हमलों” की विस्तृत जांच के बाद जारी किए गए।

यह जांच पीड़ितों और “ग्लोबल सुमूद फ़्लोटिला” के सदस्यों द्वारा दायर की गई शिकायतों के बाद शुरू की गई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जांच में जीवित बचे लोगों की गवाहियाँ, चश्मदीदों के बयान और सैन्य हमलों से जुड़ी दस्तावेज़ी सामग्री को अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानकों के अनुसार परखा गया। इस्तांबुल पुलिस विभाग और तुर्की की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (MIT) के सहयोग से यह जांच अब भी जारी है।

रिपोर्ट में कहा गया कि इज़रायल के युद्ध अपराधों के ठोस सबूत मौजूद हैं। इसमें कई घटनाओं का हवाला दिया गया — जैसे 6 वर्षीय हिंद रजब की हत्या, अल-अहली अरब अस्पताल पर बमबारी, और तुर्क-फिलिस्तीन मैत्री अस्पताल पर हमला — जो इस बात के प्रमाण हैं कि इज़रायली अधिकारियों ने जानबूझकर नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि, ग़ाज़ा की नाकेबंदी एक अवैध कार्य है, जिसने मानवीय सहायता को फ़िलिस्तीनियों तक पहुँचने से रोका, और यह स्वयं में एक अतिरिक्त युद्ध अपराध है। अभियुक्त अधिकारी तुर्की में मौजूद नहीं हैं, इसलिए अभियोजकों ने इंटरपोल के माध्यम से उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध किया है।

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