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अमेरिका का विरोध करने पर तुर्की ने 17 लोगों को बंदी बनाया

अमेरिका का विरोध करने पर तुर्की ने 17 लोगों को बंदी बनाया तुर्की में अमेरिका की जल सेना की उपस्थिति का विरोध करना इस देश के नागरिकों को भारी पड़ रहा है।

अमेरिकी सेना की उपस्थिति का विरोध करने के आरोप में तुर्की ने 17 लोगों को बंदी बना लिया है। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस्तांबुल में अमेरिकी जल सेना के दल की उपस्थिति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे 17 लोगों को बंदी बना लिया गया है।

पश्चिमी एशिया में तुर्की सरकार की नीतियों एवं इस्तांबुल में अमेरिकी जल सेना के स्टाफ की उपस्थिति के विरोध में प्रदर्शन करने वालों 17 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि इस्तांबुल गवर्नर के दफ्तर की ओर से भी की गई है।

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले युवा तुर्क संगठन ने ट्विटर पर तस्वीरें जारी करते हुए बताया है कि भारी तादाद में इस्तांबुल निवासियों ने अमेरिका विरोधी नारे लगाए।

रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का विरोध कर रहे इन लोगों ने कुर्द आतंकी संगठन वाईपीजी को अमेरिका के समर्थन का विरोध करते हुए अमेरिकी सेना को संबोधित करते हुए कहा तुम हमारे दुश्मन हो और हम में से कोई नहीं चाहता कि तुम हमारी धरती पर रहो ! हम इस बात की कभी इजाजत नहीं देंगे के अमेरिकी सैनिक हमारी धरती पर आजादी से घूमते फिरे, अपने घर जाओ।

याद रहे कि सोमवार को ही काले सागर में नाटो की गतिविधियों में भाग लेने के लिए जा रहा अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस इस्तांबुल पहुंचा है। इस्तांबुल पहुंचे अमेरिकी युद्धपोत के कैप्टन ने कहा कि हमें बेचैनी से उस पल का इंतजार है जब हम दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए तुर्क अधिकारियों के साथ मुलाकात करें।

याद रहे कि अमेरिका ने रूस के साथ तुर्की के रक्षा सौदे के बाद अंकारा पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिकी प्रतिबंधों से प्रभावित होने वाले लोगों में तुर्की के रक्षा उद्योग के प्रमुख इस्माइल सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने कहा था कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि वह तुर्की को F-16 देने के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन और अंकारा आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में एक दूसरे का सहयोग करेंगे।

 

 

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