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ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए बग़दाद से व्यक्तिगत समर्थन मांगा: इराक़ी पीएम

ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए बग़दाद से व्यक्तिगत समर्थन मांगा: इराक़ी पीएम

इराक़ के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने हाल ही में एक टेलीविजन साक्षात्कार में एक महत्वपूर्ण और अप्रत्याशित राजनीतिक दावा पेश किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रत्यक्ष टेलीफोनिक संपर्क के दौरान उनसे अनुरोध किया था कि इराक़, नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उनकी संभावित नामांकन प्रक्रिया का समर्थन करे।

सुदानी के अनुसार, यह बातचीत उस समय हुई जब ईरान और इज़रायल के बीच 12 दिनों तक चली जंग समाप्त हो चुकी थी। इस युद्ध के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति  गंभीर थी और तमाम अंतरराष्ट्रीय पक्ष शांति बनाए रखने के प्रयासों में लगे थे।

साक्षात्कार में सुदानी ने बताया कि ट्रंप ने फोन कॉल के दौरान युद्ध के दिनों में अपने द्वारा उठाए गए कुछ कदमों का उल्लेख किया और इन्हीं को आधार बनाकर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए समर्थन मांगने की बात की। ट्रंप का कहना था कि, उनके प्रयासों ने क्षेत्रीय संघर्ष को एक बड़े पैमाने पर फैलने से रोकने में मदद की, इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके योगदान को मान्यता मिलनी चाहिए।

इराक़ी प्रधानमंत्री ने बताया कि बग़दाद ने इस अनुरोध को केवल इसलिए स्वीकार किया ताकि क्षेत्र में तनाव कम करने और किसी बड़े संघर्ष को रोकने के लिए जारी कूटनीतिक प्रयासों को मजबूती मिले। उनके अनुसार, इराक़ ने इस मुद्दे को उसी संदर्भ में देखा: क्षेत्रीय स्थिरता, संवाद और संघर्ष-नियंत्रण। सुदानी ने यह भी स्पष्ट किया कि नॉबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप की नामांकन प्रक्रिया स्वयं ट्रंप की ओर से ही उठाई गई पहल थी, न कि किसी स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्था या देश का सुझाव। इराक़ ने केवल उस अनुरोध पर प्रतिक्रिया दी और मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए समर्थन पर सहमति जताई।

यह खुलासा क्षेत्रीय राजनीति में नई चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी देश के प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि एक अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से अपनी नोबेल दावेदारी के लिए किसी विदेशी सरकार से समर्थन मांगा।

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