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ईरान के खिलाफ बेअसर रहे ट्रम्प, बाइडन भी रहेंगे नाकाम

ईरान के खिलाफ बेअसर रहे ट्रम्प, बाइडन भी रहेंगे नाकाम

अमेरिकी पत्रिका द हेल ने ईरान के खिलाफ अमेरिका की नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि ईरान के खिलाफ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की अधिकतम दबाव की रणनीति बिल्कुल बे असर रही थी।

ईरान के खिलाफ बाइडन जिन नीतियों पर चल रहे हैं द है के अनुसार वह कोई फायदा नहीं पहुंचाएगी। द हेल ने अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश पर ईरान समर्थित इराकी प्रतिरोधी दलों पर अमेरिकी सेना के हमलों की निंदा करते हुए कहा कि ईरान के खिलाफ बाइडन की ऐसी नीतियों से अमेरिका को कोई सफलता नहीं मिलने वाली।

ईरान परमाणु मुद्दे एवं अन्य मामलों निपटने का सबसे उपयुक्त एवं सरल उपाय राजनीतिक वार्ता है। याद रहे कि अमेरिका ईरान के साथ परमाणु समझौते में वापस आने के लिए जबानी दावे करता रहा है लेकिन उसने अभी तक व्यवहारिक रूप से कोई बहुत प्रभावी कदम नहीं उठाया है। हालांकि इस समझौते में अमेरिकी वापसी के लिए विएना में कई दौर की वार्ता हो चुकी है।

अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 2018 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से एक पक्षीय रूप से निकल गए थे। ईरान अमेरिका के समझौते से निकलने के बाद भी लगातार 1 वर्ष तक इस समझौते में दिए गए वचन पर अमल करता रहा लेकिन ईरान पर अमेरिका की ओर से एक के बाद एक बढ़ते प्रतिबंध देखकर वह भी धीरे-धीरे इस समझौते से निकल चुका है।

द हेल ने अपनी रिपोर्ट में बाइडन की नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध इसलिए कारगर नहीं है क्योंकि ईरानी जनता और इस देश के अधिकारी अमेरिका के खिलाफ डट कर खड़े हुए हैं। अमेरिका की नीतियों के कारण ईरान में अमेरिकी विरोध बढा है जिसे हालिया राष्ट्रपति चुनाव में देखा जा सकता है।

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