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ट्रंप ने दुनिया और अमेरिकी जनता को गुमराह किया: वॉशिंगटन पोस्ट

ट्रंप ने दुनिया और अमेरिकी जनता को गुमराह किया: वॉशिंगटन पोस्ट

ईरान पर इज़रायल के हमले में अमेरिका की भागीदारी को लेकर अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट ने कड़ा विरोध जताते हुए ट्रंप को दुनिया और अमेरिकी जनता को गुमराह करने का दोषी ठहराया है। ईरान की ज़मीन पर हो रहे हमलों से पहले ट्रंप ने दो हफ्तों की ‘विचार अवधि’ का नाटक किया, जबकि योजना पहले से तैयार थी। यह सिर्फ़ एक छलावा था – ताकि जनता को गुमराह किया जा सके और युद्ध में घसीटने की ज़िम्मेदारी से खुद को बचाया जा सके।

ईरान पर हमला न केवल अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन है, बल्कि यह एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र की संप्रभुता पर सीधा हमला है। ईरान ने बार-बार चेतावनी दी थी कि, किसी भी तरह की आक्रामकता का मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा, फिर भी इज़रायल और अमेरिका ने मिलकर यह दुस्साहस किया।

अख़बार ने साफ़ लिखा कि नेतन्याहू, अमेरिका को युद्ध में घसीट चुके हैं और अब उन्हें यह हक़ नहीं दिया जाना चाहिए कि वे तय करें कि यह युद्ध कब और कैसे ख़त्म होगा। यह एक ऐसा युद्ध है जो किसी के भी हित में नहीं है – न अमेरिकी जनता के, न विश्व शांति के और न ही इंसाफ़ के।

वॉशिंगटन पोस्ट ने यह भी स्वीकार किया कि अमेरिकी जनता और कांग्रेस अब यह जानना चाहती है कि ट्रंप किसके इशारे पर काम कर रहे हैं? क्या यह अमेरिकी हित है, या नेतन्याहू का निजी एजेंडा? ईरान आज एक बार फिर साम्राज्यवादी साज़िशों का शिकार हो रहा है, लेकिन न उसका हौसला टूटेगा, न उसकी संप्रभुता। यह लड़ाई अब सिर्फ़ एक देश की नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, न्याय और सम्मान की लड़ाई बन चुकी है।

संपादकीय में यह गंभीर आरोप लगाया गया है कि इस पूरे सैन्य टकराव की स्क्रिप्ट नेतन्याहू ने लिखी, और ट्रंप प्रशासन ने उसमें भागीदारी करके अमेरिकी हितों को गिरवी रख दिया। वॉशिंगटन पोस्ट ने चेताया कि नेतन्याहू जैसे चरमपंथी नेताओं को यह अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए कि वे अमेरिका को किसी भी युद्ध में घसीटें और फिर उसी के नियम तय करें।

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