Site icon ISCPress

‘टाइम्स ऑफ़ इज़रायल’ की रिपोर्ट में ईरानी ख़ुफ़िया हमले का खुलासा

‘टाइम्स ऑफ़ इज़रायल’ की रिपोर्ट में ईरानी ख़ुफ़िया हमले का खुलासा

इज़रायली मीडिया ने ईरान के लिए बढ़ती इज़रायली जासूसी गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी है। हालांकि इज़रायली शासन के अधिकारियों ने इस्लामी गणराज्य ईरान द्वारा दी गई ख़ुफ़िया चोट पर चुप्पी साध रखी है। कल की रिपोर्टों में बताया गया था कि ईरान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने कब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों से इज़रायल की परमाणु योजनाओं और प्रतिष्ठानों से जुड़े ढेर सारे रणनीतिक दस्तावेज़ और जानकारी प्राप्त की है।

इज़रायल की घरेलू सुरक्षा एजेंसी ‘शिन बेट’ और पुलिस ने जून की शुरुआत में खुलासा किया कि ‘रॉय मिजराही’ और ‘एलमोग अटियास’, जो दोनों 24 वर्षीय और उत्तरी इज़रायल के ‘नेशेर’ शहर के निवासी हैं, को ईरान से संबंधित सुरक्षा अपराधों के संदेह में गिरफ़्तार किया गया है। अगर इनकी गिरफ़्तारी हालिया दस्तावेज़ के लीक होने से जुड़ी है, तो यह गिरफ्तारी इन दस्तावेज़ों को बाहर पहुँचाने के बाद हुई है।

इज़रायली मीडिया जैसे कि ‘टाइम्स ऑफ़ इज़रायल’ ने इस ख़ुफ़िया चोट की रिपोर्ट को पहले ‘ईरानी मीडिया का दावा’ कहकर खारिज करने की कोशिश की।

रिपोर्ट में कहा गया: “ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि तेहरान ने इज़रायल की संवेदनशील परमाणु फाइलों का खजाना हासिल कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि हजारों संवेदनशील दस्तावेज़ एक ऑपरेशन में प्राप्त हुए, जिसे दो इज़रायली नागरिकों ने अंजाम दिया, जिन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है, लेकिन इस दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया गया।”

हालांकि रिपोर्ट आगे चलकर रॉय मिजराही और एलमोग अटियास से जुड़ी जानकारियों की ओर मुड़ती है और ईरान के लिए इज़रायली नागरिकों द्वारा जासूसी को लेकर चिंता जताई जाती है।

टाइम्स ऑफ़ इज़रायल लिखता है: “इन दोनों को ‘कफ़र अहिम’ नामक शहर में जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया, जो रक्षामंत्री इस्राइल काट्ज़ का निवास स्थान है। अधिकारियों ने इस मामले को इज़रायल में ईरानी जासूसी नेटवर्क के विस्तार का ताज़ा उदाहरण बताया है।”

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिजराही और अटियास को अप्रैल के अंत में शिन बेट और इज़रायल पुलिस की गंभीर अपराध शाखा ‘लाहाव 433’ की संयुक्त जांच के बाद गिरफ़्तार किया गया।

रिपोर्ट में आगे कहा गया: “अधिकारियों ने बताया कि मिजराही ने 2025 में ईरानी एजेंटों से संपर्क स्थापित किया और कई सुरक्षा मिशनों को अंजाम दिया, जिनमें से कुछ एलमोग अटियास के साथ थे। दोनों जानते थे कि वे ईरान के निर्देश पर काम कर रहे हैं।”

इज़रायली मीडिया ने यह भी जोड़ा: “हालिया वर्षों में, ईरानी ख़ुफ़िया एजेंसी ने साधारण इज़रायली नागरिकों को जासूसी के लिए भर्ती करने की कोशिशें तेज़ की हैं। पिछले साल दिसंबर में, पुलिस ने ईरान के लिए जासूसी करने के आरोप में लगभग 30 इज़रायली नागरिकों को गिरफ़्तार किया था।”

Exit mobile version