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इज़रायली आक्रमण का समर्थन करने वालों को शर्म आनी चाहिए: प्रियंका गांधी

इज़रायली आक्रमण का समर्थन करने वालों को शर्म आनी चाहिए: प्रियंका गांधी

सोमवार (13 नवंबर) को प्रियंका गांधी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट (एक्स) पूर्व में ट्विटर पर पोस्ट कर ग़ाज़ा पट्टी में बच्चों के हालात पर भी चिंता जताई है। उन्होंने लिखा है, “कितनी निंदनीय और अपमान जनक घटना है। ग़ाज़ा में 10 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं जिनमें आधे से ज़्यादा बच्चे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायली सैन्य बलों (IDF) की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया है और तुरंत संघर्ष विराम की अपील की है।

उन्होंने इशारे-इशारे में उन सरकारों पर भी हमला बोला है जिन्होंने ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायली सैन्य बलों की कार्रवाई का समर्थन किया है। प्रियंका ने दावा किया है कि ग़ाज़ा में हर 10 मिनट पर एक बच्चे की मौत हो रही है। उन्होंने लिखा है, “विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर दस मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है। अब छोटे बच्चों को ऑक्सीजन की कमी के कारण उनके इनक्यूबेटर से निकालना पड़ा और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया।

बता दें कि ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायल और हमास में जारी जंग के बीच इंक्यूबेटर में दो बच्चों की मौत हो गई है, जबकि बीबीसी के अनुसार ग़ाज़ा के अस्पताल में इनक्यूबेटर से हटाये गए 6 बच्चों की जान चली गई। शनिवार (11 नवंबर) को हुई इस घटना के बाद इज़रायली सेना ने कहा कि वह रविवार (12 नवंबर) को ग़ाज़ा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा से बच्चों को निकालने का काम करेगी।

फिलिस्तीनी अधिकारियों ने दावा किया कि अल शिफा अस्पताल में जंग के बीच ईंधन खत्म होने के बाद दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई है। यह भी दावा है कि दर्जनों अन्य नवजात बच्चों पर खतरा मंडरा रहा है। फिलीस्तीन के अधिकारियों के मुताबिक, ईंधन खत्म होने के बाद अल शिफा अस्पताल ने सेवाए सस्पेंड हुईं जिसकी वजह से इनक्यूबेटर में दो शिशुओं की मौत हो गई।

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