पश्चिमी देशों के हस्तक्षेप से तंग आ चुकी है दुनिया : दमिश्क़
सीरियाई राष्ट्रपति बश्शार अल-असद की सलाहकार बसीना शाबान ने यूक्रेन में हाल ही में होने वाली घटनाओं के बारे में बातचीत करते हुए रविवार शाम ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन में युद्ध रूस और पश्चिम के संबंधों से जुड़ा है जिसका इतिहास पिछले 50 सालों का है।
अल-अख़बारिया समाचार नेटवर्क ने शाबान के हवाले से बताया कि पश्चिम नाटो में विस्तार को लेकर पूर्व में अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा नहीं उतर रहा था जिसके चलते रूस के पास और कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि सीरिया का भी पश्चिमी देशों के साथ रूस जैसा ही अनुभव है।
बश्शार अल-असद की सलाहकार ने कहा कि सीरियाई लोगों के ख़िलाफ़ पश्चिम के दमनकारी प्रतिबंध सामूहिक दंड के बिंदु को छू रहे हैं। इस ख़तरे को देखने के बाद भी अगर रूस यह क़दम नहीं उठाता तो इससे और अधिक नुक़सान झेलना पड़ता। क्या संयुक्त राज्य अमेरिका इस बात से सहमत होगा कि उसके पड़ोसी मेक्सिको को रूस के साथ सहयोग करना चाहिए?
शाबान ने यह बताते हुए कि रूस को लेकर तुर्की का रवैया इन दोनों देशों के बीच संबंधों के हित में नहीं है आगे कहा कि पश्चिमी देश रूस की छवि को विकृत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न शब्दावली का इस्तेमाल करता है, लेकिन अब दुनिया पश्चिमी देशों के हस्ताक्षेप से तंग आ चुकी है।
शाबान ने ज़ोर देते हुए कहा कि इस बात का अंदाज़ा कोई भी नहीं लगा सकता कि वर्तमान घटनाक्रम का अंत किस प्रकार का होगा। साथ ही इस बात पर भी ज़ोर दिया कि पूरी दुनिया को पता होना चाहिए कि उसे एक ऐसी विश्व व्यवस्था की सख़्त ज़रूरत है जो राष्ट्र की संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों का सम्मान करती हो।
सीरियाई राष्ट्रपति की सलाहकार ने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों का वर्चस्व घट रहा है और उनके मुक़ाबले पूर्वी देशों का वर्चस्व काफ़ी बढ़ चुका है। इसलिए हालिया घटनाओं ने एक बहुध्रुवीय दुनिया की ओर बढ़ने की स्पष्टता को और मज़बूत कर दिया है।