ग़ाज़ा स्कूल पर इज़रायल के वहशियाना हमले की अमेरिका समेत पूरी दुनियामें कड़ी निंदा
ग़ाज़ा पट्टी: ग़ाज़ा के अल-दर्ज़ मोहल्ले में स्थित अल-ताबेईन स्कूल में नेतन्याहू सेना के बर्बर हमले और नरसंहार की पूरी दुनियां में निंदा की जा रही है। अल-ताबेईन स्कूल पर इज़रायली सेना के इस वहशियाना हमले और बर्बरता ने पूरी दुनियां को झकझोर कर रख दिया है। इज़रायल के इस कायराना हमले की निंदा खुद उसके सहयोगी देश अमेरिका ने भी की है। इस हमले के विरोध में अल्जीरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। क़तर ने भी इस हमले की जांच की मांग की है। ईरान ने इसे युद्ध अपराध करार दिया है। हमास और अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी इस हमले और स्कूली बच्चों के नरसंहार की कड़ी निंदा की है।
हमास ने कहा कि स्कूल पर इज़रायली बमबारी में बेघर होने वाले आम नागरिकों को निशाना बनाया गया है। उसने इस नरसंहार की कड़ी निंदा करते हुए इसे घृणित अपराध करार दिया। हमास ने अरब देशों, इस्लामी जगत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मांग की है कि वे अपनी जिम्मेदारियां निभाएं और इस नरसंहार को रोकने और निहत्थे फिलिस्तीनियों के खिलाफ बढ़ती हुई इज़रायली आक्रामकता को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाएं। हमास ने इज़रायल के इस आरोप का खंडन किया है कि इस स्कूल का उपयोग हमास के कमांड सेंटर के रूप में किया जा रहा था। स्पष्ट रहे कि ग़ाज़ा के अल-ताबेईन स्कूल पर इज़राइली हमले की दुनिया भर में कड़ी निंदा की जा रही है। इस हमले में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
स्कूल में लड़ाकों की मौजूदगी का इज़रायली दावा सफेद झूठ
फ़िलिस्तीनी सूचना केंद्र की ख़बर के मुताबिक, मानवाधिकार के लिए काम करने वाले संगठन ‘यूरो-मेडिटेरेनियन ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वेटरी’ ने कहा है कि इज़रायली सेना के हमले में निशाना बनाए गए ग़ाज़ा के अल-दर्ज़ मोहल्ले में स्थित अल-ताबेईन स्कूल में लड़ाकों की मौजूदगी का इज़रायली दावा सफेद झूठ है। संगठन का कहना है कि इज़रायली सेना द्वारा जारी की गई 19 फ़िलिस्तीनी लड़ाकों की सूची, जिनके बारे में दावा किया गया था कि वे स्कूल में बमबारी के दौरान मारे गए थे, पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है। ऑब्जर्वेटरी का कहना है कि उसके कर्मचारी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मौके पर मौजूद थे। मरने वालों में इस्लामी जिहाद और हमास के लड़ाकों का वहां कोई सबूत नहीं मिला। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और कुछ आम नागरिक थे।
कल सुरक्षा परिषद की आपात बैठक की संभावना
अल्जीरिया ने ग़ाज़ा के अल-ताबेईन स्कूल में बेघर नागरिकों पर इज़रायल के हमले के खिलाफ मंगलवार (कल) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। अल्जीरिया की एक समाचार एजेंसी ने न्यूयॉर्क में एक कूटनीतिक सूत्र के हवाले से बताया है कि इस आपात बैठक का आयोजन कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में हालिया खतरनाक घटनाओं, विशेष रूप से इज़रायली सेना द्वारा ग़ाज़ा में स्कूल पर किए गए हवाई हमले के बाद की घटनाओं के कारण किया गया है।
इज़रायली बमबारी की जांच कराई जाए: क़तर
क़तर ने गाजा के एक और स्कूल पर हुई भीषण इज़रायली बमबारी के परिणामस्वरूप लगभग 100 फ़िलिस्तीनियों की मौत की जांच कराने की मांग की है। क़तर ने कहा कि इस स्कूल में बेघर फ़िलिस्तीनी शरण लिए हुए थे, जिन्हें इज़रायली सेना ने बमबारी कर मौत के घाट उतार दिया। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं को इसमें शामिल किया जाए, जो निष्पक्ष रूप से इस हमले की जांच करें कि क़ाबिज़ इज़रायली सेना स्कूलों और बेघर फ़िलिस्तीनियों के लिए शरण के रूप में काम आने वाली अन्य जगहों को क्यों निशाना बना रही है। हालांकि इसमें ऐसा कोई संकेत नहीं है कि 15 अगस्त को युद्ध-विराम के लिए होने वाले वार्ता पर भी इस बर्बर हमले के प्रभाव पड़ सकते हैं या नहीं।
स्कूल पर बर्बर इज़रायली हमला युद्ध अपराध: ईरान
ईरान ने भी इज़रायल के ग़ाज़ा के एक स्कूल पर बर्बर हमले की निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए इस घटना को इज़रायल के युद्ध अपराधों में शामिल किया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा है कि इज़रायल के इस बर्बर हमले से एक बार फिर साबित हो गया है कि इज़रायल अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान नहीं करता, न ही मानवीय और नैतिक सिद्धांतों और मूल्यों का। उन्होंने यह भी कहा कि इज़रायल की यह बमबारी इस बात का खुला उदाहरण है कि ग़ाज़ा युद्ध में इज़रायल एक साथ नरसंहार, युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी हो रहा है। ईरान ने मांग की है कि मुस्लिम और स्वतंत्रता-प्रेमी देशों की तरफ से इस घटना पर मजबूत प्रतिक्रिया व्यक्त की जाए, ताकि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के न्यायोचित आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन हो और इज़रायली कब्जे का विरोध किया जा सके।
कमला हैरिस ने भी निंदा की
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने ग़ाज़ा के स्कूल पर इज़रायल के हमले की निंदा की है, क्योंकि दुनिया भर के लोग इज़रायल के कट्टर समर्थक अमेरिका से इज़रायली समर्थन को ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ‘एएफपी’ ने बताया है कि वह इस घटना में हताहतों की संख्या की खुद जाकर पुष्टि नहीं कर सका है। हालांकि, यदि हताहतों की यह संख्या सही है, तो किसी एक घटना में इतनी बड़ी संख्या में हताहत 10 महीने के दौरान हताहतों की बड़ी घटनाओं में से एक है। याद रहे कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि, यूरोपीय संघ और मलेशिया ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है।
इज़रायली बलों की खान यूनिस में तीसरे ऑपरेशन की तैयारी
इज़रायली बलों ने खान यूनिस में निकासी के नए आदेश जारी किए हैं क्योंकि वे अक्टूबर के बाद वहां अपना तीसरा सैन्य ऑपरेशन करने वाले हैं। यह आदेश बेघर फ़िलिस्तीनियों को दक्षिणी ग़ाज़ा शहर में लौटने की अनुमति देने के कुछ दिन बाद जारी किए गए हैं।