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इज़राइल की स्थिति लोगों की सोच से कहीं ज़्यादा ख़राब है: पेंटागन के पूर्व सलाहकार

इज़राइल की स्थिति लोगों की सोच से कहीं ज़्यादा ख़राब है: पेंटागन के पूर्व सलाहकार

पेंटागन के पूर्व सलाहकार और अमेरिकी सेना के रिटायर्ड कर्नल डगलस मैकग्रेगर ने जो खुलासे किए हैं, वो सिर्फ एक सैन्य विश्लेषण नहीं बल्कि उन सभी भ्रमों का जवाब हैं जो अब भी इज़राइल को “अजेय” समझते हैं। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि “इज़राइल की स्थिति लोगों की सोच से कहीं ज़्यादा ख़राब है।” और अगर यह बात एक अमेरिकी सैन्य रणनीतिकार कह रहा है, तो इसका मतलब है कि पर्दे के पीछे हालात वाकई बहुत गंभीर हैं।

मैकग्रेगर ने बताया कि तेल अवीव का लगभग एक-तिहाई हिस्सा तबाह हो चुका है। यह वही शहर है जिसे कुछ लोग अब भी “सुरक्षित और मज़बूत” मानते हैं। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि इज़राइली फाइटर जेट्स तक को साइप्रस भागाकर बचाया गया, क्योंकि उन्हें अपने ही देश में सुरक्षित जगह नहीं मिली। क्या यही मज़बूती है?

वो सभी पत्रकार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और पश्चिमी सरकारें जो अब भी इज़राइल को एक ‘अजेय शक्ति’ दिखा रहे हैं, उन्हें यह स्वीकार करना होगा कि ईरान के जवाब ने इज़राइल की सैन्य और मनोवैज्ञानिक ताकत की नींव हिला दी है। मैकग्रेगर ने तो यहाँ तक चेतावनी दी है कि, अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है। क्या अब भी कोई बहादुर देश ऐसा जोखिम उठाएगा?

जो लोग आज भी कह रहे हैं कि इज़राइल अपनी सुरक्षा को संभाल लेगा, उन्हें ये समझना होगा कि मामला अब सिर्फ सुरक्षा का नहीं बल्कि अस्तित्व का है। ईरान ने एक नए सैन्य संतुलन को जन्म दिया है, जहाँ अब इज़राइल को किसी “छोटे देश” की तरह अपने बचाव के लिए इधर-उधर भागना पड़ रहा है।

यह समय है सच को स्वीकारने का। इज़राइल कमजोर हो चुका है और ईरान ने ये साबित कर दिया है कि अब पश्चिमी हथियारों और मीडिया प्रोपेगैंडा से लड़ाई नहीं जीती जा सकती। “यह सिर्फ शुरुआत है। इज़राइल की यह तबाही आगे भी जारी रहेगी।” यह युद्ध अब सिर्फ मिसाइलों का नहीं, बल्कि सच्चाई और झूठ के बीच की लड़ाई है, और सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है।

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