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ग़ाज़ा में जारी नरसंहार इज़रायल और अमेरिका की बर्बरता को दर्शाता है: अल-हूती

ग़ाज़ा में जारी नरसंहार इज़रायल और अमेरिका की बर्बरता को दर्शाता है: अल-हूती

अल-हूती ने अंतर्राष्ट्रीय क़ुद्स दिवस की पूर्व संध्या पर ग़ा़ज़ा में होने वाले अमेरिकी और इज़रायली अत्याचारों पर पूरी दुनियां को संबोधित करते हुए कहा, इज़रायल का महीनों से जारी जनसंहार और ग़ाज़ा की नाकेबंदी इज़रायल और अमेरिका की बर्बरता को दिखाता है

“ईरान  के पूर्व सुप्रीम लीडर स्वर्गीय आयतुल्लाह रूहुल्लाह ख़ुमैनी ने रमज़ान के आखिरी जुमा को क़ुद्स दिवस के रूप में घोषित किया था, ताकि यह लोगों के जागरूक होने का दिन बने”

अल-हूती ने अपने इस संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए चेताया: इज़रायल और अमेरिका फ़िलिस्तीनी पहचान को मिटाने पर तुले हैं। “ज़ायोनी ताक़तें लगातार अल-अक़्सा को यहूदी रंग देने और वेस्ट बैंक के फ़िलिस्तीनियों को विस्थापित करने की कोशिश कर रही हैं”

यमनी नेता ने ग़ज़ा के लोगों और प्रतिरोध की ऐतिहासिक दृढ़ता को अभूतपूर्व बताया। अल-हूती ने कहा, ईरान फ़िलिस्तीनियों और प्रतिरोध का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यमनी नेता ने ईरान की मज़बूती और अमेरिका की साज़िशों व दबावों के ख़िलाफ़ उसकी स्थिरता की सराहना की

अल-हूती ने अफ़सोस जताया कि अरब और मुस्लिम दुनिया ग़ाज़ा का समर्थन करने में नाकाम रही। “यूएन ग़ाज़ा में जनसंहार को रोकने के लिए कोई व्यावहारिक क़दम उठाने में नाकाम रहा”। संयुक्त राष्ट्र को इज़रायली सत्ता की मान्यता वापस ले लेनी चाहिए थी और उसे निष्कासित करना चाहिए था।

यमनी नेता अपने इस संबोधन में आगे कहा: इज़रायल खुलेआम उस युद्ध-विराम को तोड़ रहा है, जिसकी गारंटी अमेरिका ने दी थी। इज़रायल सीधे क़ब्ज़े या आक्रमण के ज़रिए पूरे क्षेत्र पर पूरी तरह हावी होने की कोशिश कर रहा है।

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