ग़ाज़ा से लौटे इज़रायली सैनिकों की आत्महत्या का सिलसिला तेज़
तेल अवीव के अख़बार ‘हारेट्ज़’ की रिपोर्ट के मुताबिक़, हाल ही में एक और इज़रायली सैनिक ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हैरानी की बात यह है कि यह आत्महत्या तब हुई जब उससे कुछ ही घंटे पहले उसका हथियार ज़ब्त किया गया था, और वह सैन्य पुलिस की पूछताछ के दायरे में था। बताया जा रहा है कि वह ग़ाज़ा युद्ध में तैनात था और कुछ समय के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए बाहर आया था, जहां पुलिस उसकी एक पुराने केस को लेकर पूछताछ कर रही थी। पूछताछ के बाद उसे निहत्था कर दिया गया, लेकिन उसने अपने एक साथी का हथियार लेकर खुद को गोली मार ली।
यह घटना ग़ाज़ा से लौटे इज़रायली सैनिकों के बीच आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की कड़ी में एक और दुखद अध्याय है। केवल 48 घंटों पहले ‘लिल शोहम’ नामक एक अन्य सैनिक ने भी आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा, ‘इसराइल हयूम’ अख़बार ने हाल ही में डैनियल एडरी नामक सैनिक की आत्महत्या की भी पुष्टि की थी।
इज़रायली मीडिया के अनुसार, अब तक 45 से अधिक सैनिक ग़ाज़ा युद्ध के बाद आत्महत्या कर चुके हैं। इन घटनाओं की मुख्य वजह ‘पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर’ (PTSD) बताई जा रही है, यानी युद्ध के दौरान देखे गए हिंसक दृश्यों, निरंतर डर, हत्याओं और साथी सैनिकों की मौतों के मानसिक असर ने इन जवानों को अंदर से तोड़ दिया।
हालांकि, इज़रायली सेना इन आंकड़ों को छुपाने और मीडिया पर सेंसर लागू करने की पूरी कोशिश करती है, लेकिन इन आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या अब खुद उनके मीडिया के लिए भी एक गंभीर चिंता बन चुकी है।
ग़ाज़ा में हो रहे नरसंहार और सैन्य अपराधों ने न केवल निर्दोष फ़िलिस्तीनी नागरिकों की जान ली है, बल्कि अब वही अत्याचार करने वाले सैनिक भी मानसिक रूप से बिखर रहे हैं। यह घटनाएं न केवल इज़रायली समाज के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी हैं कि युद्ध केवल मैदान में नहीं, दिमाग और आत्मा में भी लड़ा और हारा जाता है।

