इज़रायली जेल से 22 साल बाद रिहाई पाने वाले व्यक्ति की अपनी दो बेटियों से पहली मुलाक़ात
बीते दिन इज़रायली बंधकों के बदले में रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों में एक ऐसा व्यक्ति भी था, जिसने अपनी जिंदगी में पहली बार अपनी दो बेटियों से मुलाकात की। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को 3 इज़रायली और 5 थाई बंधकों के बदले में इज़रायल ने 110 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें 47 वर्षीय हुसैन नस्र भी शामिल थे। उन्होंने इज़रायली जेलों में 22 साल बिताए, जिसके बाद अब उन्हें आज़ादी मिली है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हुसैन नस्र को 2003 में इज़रायली सेना ने गिरफ्तार किया था। संयोग से, उस समय उनकी पत्नी गर्भवती थीं और उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी जुड़वां बेटियां पैदा हुईं। अब ये दोनों 21 साल की हो चुकी हैं। पहली बार अपने पिता से मुलाकात करने से पहले 21 वर्षीय बेटी ने कहा, “मैं पहली बार अपने पिता को गले लगाऊंगी। मैं अपने जज़्बात को शब्दों में बयान नहीं कर सकती, बल्कि कोई भी इस एहसास को पूरी तरह नहीं समझ सकता।”
फिलिस्तीनी नागरिक की दूसरी बेटी ने कहा, “इज़रायली सेना ने मेरे पिता को उस समय गिरफ्तार किया था, जब मेरी मां गर्भवती थीं। उस वक्त भी उन्होंने कोई अपराध नहीं किया था और आज भी वे बिना किसी गुनाह के सजा काटकर रिहा हो रहे हैं। हमें पहली बार एहसास होगा कि पिता का होना क्या मायने रखता है।”
आज फिर 3 बंधकों के बदले 90 फिलिस्तीनी रिहा होंगे
युद्ध-विराम समझौते के तहत, हमास शनिवार (1 फरवरी) को 3 बंधकों को रिहा करेगा, जिसके बदले में इज़रायली जेलों से 90 फिलिस्तीनी कैदियों को आज़ाद किया जाएगा। हमास ने शुक्रवार को उन तीन बंधकों की सूची रेड क्रॉस को सौंप दी, जिन्हें रिहा किया जाना है।
ग़ाज़ा में युद्ध-विराम समझौते के तहत हमास को बंधकों की रिहाई से 24 घंटे पहले इज़रायली अधिकारियों को उनकी जानकारी देनी होती है। इज़रायली मीडिया के मुताबिक, ग़ाज़ा पट्टी में अब भी 82 बंधक हमास की हिरासत में हैं। युद्ध-विराम समझौते के तहत गुरुवार को भी 8 बंधकों को रिहा किया गया था, जिनमें दो जर्मन-इज़रायली, एक इज़रायली सैनिक और 5 थाई मजदूर शामिल थे।
अमेरिका, मिस्र और क़तर की मध्यस्थता में महीनों की कोशिशों के बाद जनवरी के मध्य में तीन चरणों में युद्ध-विराम समझौता हुआ था। इसके पहले चरण में 33 बंधकों के बदले 1,904 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा।