ईरान के खिलाफ टैंकर वॉर इस्राईल के हित में नहीं इस्राईल नौसेना के पूर्व कमांडर ने ईरान से बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है।
ईरान के खिलाफ इस्राईल की किसी भी समुद्री मुहिम को खतरनाक बताते हुए इस्राईल नौसेना के पूर्व कमांडर ने कहा है कि ईरान के खिलाफ नौसेना की लड़ाई किसी भी रूप में इस्राईल के हित में नहीं है।
इस्राईल के प्रचार समाचार पत्र मारीव ने दुनिया भर में इस्राईल के कार्गो शिप पर हो रहे हमलों की विभिन्न रिपोर्टों के आधार पर ईरान के साथ किसी भी अप्रत्यक्ष टैंकर वॉर के बढ़ने की आशंका जताते हुए कहा है कि ईरान के खिलाफ छिड़ने वाला कोई भी टैंकर वॉर इस्राईल के हित में नहीं है और मैं इसे लेकर बेहद चिंतित हूं।
रविवार को एक समाचार पत्र को इंटरव्यू देते हुए नौसेना के पूर्व कमांडर मेजर जनरल मारूम ने कहा कि मैं इस अप्रत्यक्ष वार को लेकर बेहद चिंतित हूं। यह किसी भी रूप में हमारे हित में नहीं है।
मारूम ने कहा कि हम 2 साल पहले ईरान के खिलाफ एक गुप्त नौसैनिक अभियान चला रहे थे जिसका उद्देश्य सीरिया में भेजे जाने वाले ईंधन को रोकना था और इसके अंतर्गत हम ईरानी टैंकरों पर हमला करने की योजना बनाए हुए थे।
वह पूर्णरूप से एक गुप्त अभियान था। एक ऐसा खुफिया अभियान जिसकी जिम्मेदारी स्वीकारने से हम इनकार कर सकते थे लेकिन बीच में कुछ अलग बातें शुरू हो गई, हमारी गतिविधियां बदल गई और अनावश्यक बातचीत बीच में आ गई।
हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि अमेरिका में सरकार बदल गई है। अब ट्रम्प प्रशासन नहीं रह गया है और हमारी बहुत सी गतिविधियां बाइडन प्रशासन को पसंद नहीं आती और वह यह चीजें मीडिया में ले आते हैं।
इस्राईल नौसेना के पूर्व कमांडर ने कहा कि जब ऐसे ऑपरेशन गुप्त नहीं है होते तो ईरान को जवाब देने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। हालांकि वह तनाव ना बढ़े इस कारण उचित समय पर बहुत संतुलित और सावधानी के साथ जवाब देते हैं लेकिन उनकी जवाबी कार्रवाई इस समुद्री लड़ाई को व्यापक रूप से बढ़ा देगी जो किसी भी रुख से हमारे हित में नहीं है।
यह हमारी कमजोरी है। हम नहीं चाहते कि हिंदुस्तान, फिलीपींस और चीन के निकट हमारे जहाजों को हमलों का निशाना बनाया जाए। चीन, फिलीपींस और भारत के नजदीक हमारे जहाजों पर हमला किया जाएगा तो हम कैसे इसका जवाब देंगे?