परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान से बातचीत चल रही है: विटकॉफ़
डोनाल्ड ट्रंप के पश्चिमी एशिया मामलों के प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ़ ने दावा किया है कि अमेरिका और ईरान के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए प्रारंभिक बातचीत हो रही है। तसनीम समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने फॉक्स न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका ईरान से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से बातचीत कर रहा है।
विटकॉफ़ ने दावा किया:
“हम ईरान से सीधे तौर पर और मध्यस्थों के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं। हमारी बातचीत आशाजनक है। हम आशावादी हैं। अब समय आ गया है कि हम ईरानियों के साथ बैठें और एक शांतिपूर्ण और व्यापक समझौते तक पहुँचें।
उन्होंने अमेरिका के पुराने आरोपों को दोहराते हुए कहा:
“हम उस समझौते में किसी भी प्रकार की यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देंगे। इसके बाद विटकॉफ़ ने अमेरिकी खुफिया आकलनों के विपरीत दावा किया कि, “ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पुनर्जीवित करना लगभग असंभव होगा और इसमें कई साल लगेंगे।”
लेकिन विटकॉफ़ के इस बयान में एक बार फिर वही दबाव की रणनीति देखी गई जो वर्षों से अमेरिका की पश्चिम एशिया नीति का हिस्सा रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका उस किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जिसमें ईरान को यूरेनियम संवर्धन की अनुमति दी जाए, जबकि यह ईरान का वैध और संप्रभु अधिकार है, जिसे परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत भी मान्यता प्राप्त है।
जबकि इससे ठीक एक दिन पहले सीएनएन ने खुलासा किया था कि, अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह के अंत में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर किए गए हमलों से उसके परमाणु कार्यक्रम के मुख्य घटकों को नष्ट नहीं किया जा सका है, और यह हमला संभवतः केवल कुछ महीनों की देरी ही कर पाया है।
यह गोपनीय रिपोर्ट अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) द्वारा हमले के बाद किए गए युद्ध क्षति विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है। ट्रंप और उनके प्रशासन ने सीएनएन द्वारा इस गोपनीय रिपोर्ट के उजागर होने पर कड़ी नाराज़गी जताई है।

