Site icon ISCPress

असद के बाद सीरिया अराजकता में डूबा: सीरियन ह्यूमन राइट्स

असद के बाद सीरिया अराजकता में डूबा: सीरियन ह्यूमन राइट्स

सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि बशर अल-असद की सरकार गिरने के बाद महज़ 9 महीनों में पूरे सीरिया में 10 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और देश अराजकता की चपेट में है।

फारस न्यूज़ एजेंसी की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, संगठन ने रविवार को कहा कि नई उम्मीदों के बावजूद, असद शासन के पतन के बाद सीरिया एक ख़ूनी संकट से जूझ रहा है। यह रिपोर्ट 8 दिसंबर 2024 से 6 सितंबर 2025 तक की अवधि को कवर करती है और बताती है कि कुल 10,672 लोग मारे गए हैं। इनमें 8,180 आम नागरिक शामिल हैं, जिनमें 438 बच्चे और 620 महिलाएं भी हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में हिंसा की लहर फैल चुकी है—जिसमें मैदानी फाँसी, बम धमाके, अंधाधुंध गोलीबारी, इज़रायल और तुर्की के हवाई हमले और विभिन्न समूहों की जेलों में यातना शामिल हैं। केवल मार्च महीने में ही 1,726 लोग मैदानी फाँसी और सांप्रदायिक हत्याओं में मारे गए।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि आम नागरिकों के अलावा, अलग-अलग समूहों के 2,492 लड़ाके और सशस्त्र लोग भी मारे गए हैं। एक अन्य हिस्से में कहा गया है कि हज़ारों लोग अब भी जेलों और हिरासत केंद्रों में बिना मुक़दमा चलाए मनमाने ढंग से बंद हैं, जबकि युद्ध अपराधों और मानवाधिकार उल्लंघनों के ज़िम्मेदार लोग अब भी सज़ा से बचे हुए हैं।

इस संगठन ने चेतावनी दी है कि, ज़हरीला मीडिया माहौल, और सांप्रदायिक प्रचार, जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया का रास्ता रोक रहा है और स्वतंत्र कार्यकर्ताओं व संस्थाओं को निशाना बना रहा है। अंत में, सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पक्षों से अपील की है कि वे तुरंत आम नागरिकों की रक्षा करें, अपराधियों को सज़ा से बचने न दें और संक्रमणकालीन न्याय संस्थाओं को पुनर्निर्मित करें—क्योंकि संगठन के अनुसार यही सीरिया के पूरी तरह बिखरने से बचने का एकमात्र रास्ता है।

Exit mobile version