ईरान के साथ व्यापारिक-आर्थिक संबंधों को मजबूत करना पहली प्राथमिकता: पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में ईरान के साथ रूस के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने को अपनी प्रमुख प्राथमिकता के रूप में रेखांकित किया। यह बयान पुतिन ने रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ईरान के समकक्ष मसूद पज़ेश्कियान से मुलाकात के दौरान दिया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि रूस और ईरान के बीच मौजूदा परियोजनाएं और सहयोग रूस के वैश्विक आर्थिक और रणनीतिक हितों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ईरान-रूस संबंधों की मुख्य प्राथमिकताएं पुतिन ने विशेष रूप से जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक अंतर-सरकारी आयोग को विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस संदर्भ में उन्होंने ईरान के रेल नेटवर्क के विस्तार का उल्लेख किया, जो उत्तर-दक्षिण अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारे का एक हिस्सा है। इस परियोजना का उद्देश्य ईरान, रूस और अन्य देशों के बीच व्यापार और परिवहन को आसान बनाना है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और गति मिलेगी। पुतिन ने बुशहर परमाणु संयंत्र की दूसरी और तीसरी इकाइयों के निर्माण को भी दोनों देशों की साझेदारी के महत्वपूर्ण हिस्सों में गिना।
बुशहर परमाणु संयंत्र में रूस की भागीदारी पहले से ही दोनों देशों के बीच तकनीकी और ऊर्जा सहयोग का एक मजबूत प्रतीक रही है। इस परियोजना का विस्तार न केवल ईरान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि रूस को भी अपनी परमाणु तकनीक और विशेषज्ञता को साझा करने का अवसर देगा।
मुक्त व्यापार समझौते पर उम्मीदें रूसी राष्ट्रपति ने इस बैठक में यह भी उम्मीद जताई कि ईरान और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते पर इस साल के अंत तक हस्ताक्षर हो सकते हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को और बढ़ावा देगा, जिससे ईरान को यूरेशिया के अन्य देशों के बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी और रूस भी ईरान के साथ आर्थिक संबंधों को और अधिक व्यापक बना सकेगा।
मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापारिक बाधाएं कम होंगी और आर्थिक लाभ बढ़ेंगे। पुतिन ने इस मुलाकात में यह भी बताया कि रूस और ईरान के वैश्विक दृष्टिकोण काफी हद तक समान हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण की इच्छा रखते हैं, जिसमें विभिन्न देशों के बीच समानता और न्याय की स्थापना हो।
पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के सम्मान और संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को बनाए रखने पर भी जोर दिया। यह बयान रूस और ईरान के बीच मजबूत राजनीतिक सहयोग की ओर संकेत करता है, विशेषकर ऐसे समय में जब दोनों देश पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों और वैश्विक तनावों का सामना कर रहे हैं।