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उत्तरी ग़ाज़ा में इज़रायली बस्तियों के समीप सायरन की आवाज सुनाई दी

उत्तरी ग़ाज़ा में इज़रायली बस्तियों के समीप सायरन की आवाज सुनाई दी

इज़रायली मीडिया ने ग़ाज़ा पट्टी के समीप इज़रायली बस्तियों में सायरन बजने की खबर दी है। शनिवार की सुबह अल-जज़ीरा नेटवर्क के हवाले से आईआरएनए ने बताया कि इज़रायली शासन के आंतरिक मोर्चे ने घोषणा की है कि, ग़ाज़ा पट्टी के समीप स्थित इज़रायली बस्तियों ‘सदेरोट’ और ‘अवीविम’ में सायरन बजाए गए।

इस बीच, कुछ समय बाद इज़रायली मीडिया ने दावा किया कि बस्तियों में सायरन बजने का कारण उनकी रक्षा प्रणाली में हुई गलती थी। ज़ायोनी सेना ने यह भी कहा कि, इन क्षेत्रों में सायरन सक्रिय होने के कारणों की जांच जारी है।

आईआरएनए के अनुसार, ज़ायोनी शासन ने अमेरिका की मदद से 7 अक्टूबर 2023 (15 अक्टूबर 1402) को ग़ाज़ा पट्टी पर बड़े हमले शुरू किए थे। इन हमलों में अब तक 45,658 फिलिस्तीनी, खासकर महिलाएं और बच्चे, शहीद हो चुके हैं। इस अवधि के दौरान ग़ाज़ा पट्टी के 70% घरों और बुनियादी ढांचों को गंभीर क्षति पहुंची है। क्षेत्र में मानवीय संकट, भुखमरी और घेराबंदी से स्थिति अत्यधिक भयावह हो गई है।

इज़रायली शासन ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय द्वारा बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट की अनदेखी करते हुए अपने अपराध जारी रखे हैं। 14 महीने के युद्ध के बाद भी ज़ायोनी शासन ने स्वीकार किया है कि वह अपने उद्देश्यों, जैसे हमास को नष्ट करना और इज़रायली बंधकों को ग़ाज़ा पट्टी से वापस लाना, में विफल रहा है।

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