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शेख नईम कासिम का हिज़्बुल्लाह के योद्धाओं के नाम पत्र

शेख नईम कासिम का हिज़्बुल्लाह के योद्धाओं के नाम पत्र

शनिवार को हिज़्बुल्लाह लेबनान के लड़ाकों ने इस आंदोलन के नए महासचिव के प्रति वफादारी का संकल्प दोहराते हुए यह बताया कि वे दुश्मन के साथ पवित्र जिहाद की राह को अपनी ज़िम्मेदारी मानते हैं और दुश्मन को हराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने भी आज एक पत्र में हिज़्बुल्लाह के वीरतापूर्ण प्रतिरोध की सराहना करते हुए  लिखा:

“मेरे प्रिय वीरों और इस्लामी प्रतिरोध के मार्गदर्शक चिराग़ों…आप पर सलाम और अल्लाह की रहमतें और बरकतें हों…मुझे आपका संदेश प्राप्त हुआ, ऐ धरती पर दृढ़ और आसमान में गर्व करने वालों…

आपके पत्र में मैंने इस संदेश की मोहब्बत और रसूल के प्रति प्रेम, नेतृत्व और हमारे प्रिय नेता सैयद हसन नसरुल्लाह (रज़ी अल्लाहु अन्हु) के प्रति वफादारी, मुजाहिदीन और शहीदों के बर्फराक परचम को देखा… आपके पत्र में मैंने यरुशलम और हमारी जमीन की स्वतंत्रता के प्रति आपके विश्वास को देखा…आपकी गरिमा हमारी जनता और प्रियजनों के लिए गर्व की बात है…और आपके विरोध का साहस हमारी दृढ़ता को बढ़ाता है और दुश्मन पर हमारी जीत को सुनिश्चित करता है…आपकी गरजती आवाज़ हमारी संप्रभुता और स्वतंत्रता के लिए है…और आपका खून हमारी पीढ़ियों और हमारे देश का भविष्य बनाता है। यह सब अच्छाई आपकी मुबारक हथेलियों में है।

अल्लाह तआला ने फ़रमाया: “लेकिन रसूल और जो लोग उनके साथ ईमान लाए, उन्होंने अपने माल और अपनी जान से जिहाद किया, वही हैं जिनके लिए सारी भलाई है और वही सफल लोग हैं।” (सूरा तौबा, आयत 88)

मेरे प्रिय दोस्तों…आप अपने जूतों की आवाज़ से दुश्मन को परास्त करते हैं…आप अत्याचार और ज़ालिम के खिलाफ ताकत हैं…आप गर्वित हैं जो शर्म और समर्पण को मिटाते हैं…आप वह लोग हैं जो ज़ायोनीवाद के स्तंभों को हिलाते हैं…आप भलाई की लहरें हैं जो बुराई को दबा देती हैं… आप धरती पर मजबुत चट्टानें हैं, आप हमारा वांछित भविष्य हैं…आप हमारे जीवन का पानी और हमारी खुशी की राह का प्रकाश हैं…मैं आपके हाथों का चूमता हूं और उस ज़मीन को भी जिस पर आप कदम रखते हैं।

ऐ बहादुर नवजवानों , आप अल्लाह मोहब्बत में इस तरह घुल मिल गए कि उसने आपको अपनी रोशनी दे दी…कैसे आपने नमाज अदा की कि आपकी ताकत दोगुनी हो गई और मिसाइलों ने शत्रुओं को हिलाकर रख दिया…कैसे आपने मौत की गहराई में प्रवेश किया और फिर भी डटे रहे…कैसे आपने सब कुछ छोड़ दिया और जो सबसे बेहतर था उसे पा लिया…

आप किस तरह प्रतिरोध करते हैं कि, हमारे दिलों  में उम्मीद पैदा करते हैं…आप कितने महान हैं जो एक गरिमापूर्ण जीवन के लिए शहादत को पसंद करते हैं…आप कितने बहादुर हैं जो केवल दो अच्छाइयों (जीत या शहादत) को स्वीकार करते हैं…यह मेरा गौरव है कि मैं आपके साथ अपने भरोसेमंद महासचिव(हसन नसरुल्लाह) की राह पर हूं…

मुबारक हो उन्हें जिन्होंने आपके शहीदों की भेंट, संघर्ष, बलिदान और नज़दीकी का लाभ उठाया…आपकी ओर सभी की नजरें हैं, ऐ मैदान में अल्लाह के मुजाहिदों। ऐ हिज़्बुल्लाह के शेरों…ऐ गरिमापूर्ण जीवन का अमृत…शुक्र है उस खुदा का जिसने मुझे आप में से एक चुना।

व अलैकुम सलाम व रहमतुल्लाहे व बरकातोह। आपका भाई, नईम कासिम

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