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इज़रायली मंत्री का शर्मनाक बयान: क़तर में मौजूद हमास नेताओं की हत्या की जाए

इज़रायली मंत्री का शर्मनाक बयान: क़तर में मौजूद हमास नेताओं की हत्या की जाए

ग़ाज़ा नरसंहार और फ़िलस्तीनी प्रतिरोध नेताओं की टार्गेट किलिंग की नीति को आगे बढ़ाते हुए, एक इज़रायली मंत्री ने कहा है कि क़तर में मौजूद हमास के नेताओं को मार दिया जाना चाहिए। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी की इंटरनेशनल रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली सरकार में विदेशी यहूदियों से संबंधित मामलों की मंत्री एमीखाई एलीयाहू शेकली ने रविवार को खुले तौर पर यह मांग की कि हमास के जिन नेताओं की मौजूदगी क़तर में है, उन्हें टार्गेट कर के मार दिया जाए।

उन्होंने कहा:
“इज़रायल को क़तर में मौजूद हमास नेताओं की हत्या करनी चाहिए। क़तर को किस बात की इम्यूनिटी मिली हुई है? हमास का मीडिया विंग भी इस समय क़तर में ही सक्रिय है। ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम को लेकर भी इज़रायली मंत्री ने कहा कि जो मानवीय कारणों से लड़ाई रोकी जा रही है, वह पूरे ग़ाज़ा पट्टी पर लागू नहीं है। असल में कोई पूर्ण सीज़फ़ायर अस्तित्व में नहीं है।

शेकली ने दावा किया कि हमास संघर्ष-विराम के लिए तैयार नहीं है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग़ाज़ा में भूख के मुद्दे को लेकर हमास ने प्रभावशाली प्रचार किया है। उन्होंने कहा कि इज़रायल को इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए। हालांकि हमास का कहना है कि असली रुकावट इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हैं, जो स्थायी युद्ध-विराम के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं और वह इज़रायली क़ैदियों की रिहाई के बाद युद्ध दोबारा शुरू करना चाहते हैं।

फ़िलस्तीनी प्रतिरोध का कहना है कि इज़रायली नेतृत्व, केवल समय खींचने की कोशिश कर रहा है और क़ैदियों की जान उनके लिए कोई मायने नहीं रखती।वर्तमान में मध्यस्थ देशों की कोशिश है कि दोनों पक्षों को दोबारा बातचीत की मेज़ पर लाया जाए, लेकिन जानकारों का मानना है कि इज़रायली क़ैदियों की रिहाई के बाद, इज़रायल फिर से हमला शुरू करेगा।

शेकली ने आगे कहा कि वह इस महीने इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा से पहले भी किसी भी आंशिक समझौते के ख़िलाफ़ रहे हैं। उन्होंने मांग की कि ग़ाज़ा पट्टी के उत्तर में बड़ा सैन्य अभियान चलाया जाना चाहिए और एक ऐसा प्लान बनना चाहिए जिसके तहत ग़ाज़ा के उत्तर को इज़रायल के कंट्रोल में लाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के तहत ग़ाज़ा को कोई बिजली, पानी, खाना या दवा नहीं मिलनी चाहिए।

ग़ौरतलब है कि इससे पहले भी इज़रायल ने क़तर से बाहर मौजूद हमास नेताओं, जैसे कि इस्माईल हनिया और सालेह अल-आरूरी को टार्गेट कर के मार दिया है। इज़रायल ने अमेरिका के समर्थन से ग़ाज़ा में जनसंहार की जंग छेड़ रखी है और वह ना तो अंतरराष्ट्रीय दबाव और ना ही हेग कोर्ट की अपीलों को कोई महत्व दे रहा है। इस जनसंहार में अब तक 2 लाख 4 हज़ार से ज़्यादा फ़िलस्तीनी या तो शहीद हुए हैं या घायल, जिनमें अधिकतर औरतें और बच्चे हैं। अभी भी 9 हज़ार लोग लापता हैं और सैकड़ों हज़ार लोग बेघर हो चुके हैं।

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