इज़रायल को झटका, फ़िनलैंड भी फ़िलिस्तीन को मान्यता देगा
ग़ाज़ा पर बर्बर बमबारी और जानबूझकर अकाल थोपने के बाद इज़रायल लगातार अपने सहयोगी देश खोता जा रहा है। फ़िनलैंड की विदेश मंत्री एलीना वाल्टोनन ने फ़िलिस्तीन मुद्दे के 2 राष्ट्र समाधान वाले घोषणा पत्र का समर्थन करने का ऐलान किया है।
यूरोपीय देश जिस रफ़्तार से फ़िलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं, उससे यह उम्मीद बढ़ रही है कि, इज़रायल अलग-थलग पड़ जाएगा, भले ही उसे अमेरिका का अंधा समर्थन हासिल है। वॉशिंगटन ने शुक्रवार को उन देशों को चेतावनी दी जो फ़िलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान कर रहे हैं।
जुलाई में सऊदी अरब और फ़्रांस की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ था। इज़रायल और अमेरिका ने उसका बहिष्कार किया था लेकिन बड़ी संख्या में यूरोपीय देश शामिल हुए और उन्होंने 2 राष्ट्र समाधान के समर्थन में एक घोषणा पत्र जारी किया। अब फ़िनलैंड ने भी उस घोषणा पत्र का हिस्सा बनने का ऐलान किया है।
फ़िनलैंड की विदेश मंत्री एलीना वाल्टोनन ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि “फ़्रांस और सऊदी अरब की अगुवाई में यह 2 राष्ट्र समाधान के लिए सबसे अहम वैश्विक कोशिश है।” वहीं विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह कदम क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में एक बड़ी प्रगति है।
फ़िलिस्तीन के समर्थन में बढ़ोतरी
संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यता में से 147 देश पहले ही फ़िलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। हालिया ग़ाज़ा युद्ध के बाद यह समर्थन और तेज़ हुआ है। जुलाई की कॉन्फ़्रेंस के बाद 5 और देशों ने मान्यता दी है। सबसे पहले 24 जुलाई को फ़्रांस ने, फिर ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने, उसके बाद बेल्जियम ने। अब फ़िनलैंड का यह ऐलान भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
ब्रिटेन ने तो यहां तक कह दिया है कि, अगर सितंबर तक इज़रायल युद्ध-विराम पर राज़ी नहीं होता तो वह फ़िलिस्तीन को अलग देश के रूप में मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू कर देगा। स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड पहले ही ऐसा कर चुके हैं।
अमेरिका की चेतावनी
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चेतावनी दी है कि जो देश फ़िलिस्तीन को मान्यता देंगे, उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और कार्रवाई बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, “अगर आप इसे मान्यता देते हैं तो यह सब फ़र्ज़ी होगा, असली नहीं। इससे युद्ध-विराम मुश्किल हो जाएगा और हालात और बिगड़ सकते हैं।”
ग़ाज़ा पर इज़रायल के हमले
शुक्रवार को इज़राइल ने ग़ाज़ा शहर की सबसे ऊँची रिहायशी इमारत को गिरा दिया। दावा किया कि, वहाँ हमास के लड़ाके छिपे थे, जबकि स्थानीय लोगों ने बताया कि वहाँ आम नागरिक और बेघर लोग रहते थे। इस हमले में कम से कम 44 लोग, जिनमें 7 बच्चे शामिल थे, मारे गए। सिर्फ़ 24 घंटे में 96 लोगों की जान गई। इज़रायली सेना ग़ाज़ा शहर के 40% हिस्से पर कब्ज़ा कर चुकी है और उसने संकेत दिया है कि और ऊँची इमारतों को भी निशाना बनाया जाएगा।

