माडेलिन जहाज़ को ज़ब्त करने से आज़ाद आवाज़े खामोश नहीं होंगी: हमास
फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने कहा है कि माडेलिन जहाज़ को ज़ब्त करना न तो आज़ाद ख़याल लोगों की आवाज़ को दबा सकता है और न ही ग़ाज़ा के लिए बढ़ती वैश्विक एकजुटता की लहर को रोक सकता है। अलजज़ीरा के हवाले से हमास ने ज़ोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में इज़रायली बलों द्वारा एकजुटता जहाज़ ‘माडेलिन’ को रोकना एक समुद्री डकैती और संगठित राजकीय आतंकवाद है, और इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।
हमास ने कहा कि इस जहाज़ को ग़ाज़ा पहुंचने से रोकना और उसमें सवार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना, ग़ाज़ा के ख़िलाफ़ जारी नरसंहार के बीच मानवीय प्रतीकात्मक मदद को भी दबाने का प्रयास है। हमास ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मांग की कि इस अपराध की निंदा करें और ग़ाज़ा की घेराबंदी तोड़ने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
हमास ने यह भी कहा कि हम जहाज़ में सवार सभी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए पूरी ज़िम्मेदारी इज़रायली अतिक्रमणकारी शासन पर डालते हैं और उन सभी कार्यकर्ताओं की अविलंब रिहाई की मांग करते हैं। ख़बरों के अनुसार, इज़रायली सैनिकों ने इस जहाज़ को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में घेर लिया और फिर उस पर सवार 12 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, जिनमें ज़्यादातर फ्रांसीसी नागरिक हैं। कुछ कार्यकर्ता पहले भी ‘फ़्रीडम फ़्लोटिला’ (आज़ादी काफ़िला) का हिस्सा रह चुके हैं और इज़रायल द्वारा गिरफ़्तार किए जा चुके हैं।
‘फ्रीडम फ़्लोटिला’ नामक यह मिशन इटली के कातानिया बंदरगाह से रवाना हुआ था और इसके ज़रिये यूरोपीय देशों के कार्यकर्ता ग़ाज़ा की घेराबंदी को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। इस काफ़िले में फ्रांसीसी-फिलिस्तीनी सांसद रीम हसन, स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और आयरिश अभिनेता लियाम कनिंघम जैसे नाम भी शामिल थे।
ब्रिटिश अख़बार ‘डेली टेलीग्राफ’ के अनुसार, इस प्रतीकात्मक यात्रा का उद्देश्य दुनिया का ध्यान इज़रायल द्वारा ग़ाज़ा पर डेढ़ साल से जारी हमलों और वहां के मानवीय संकट की ओर खींचना है।

