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ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के सीक्रेट मिशन का खुलासा 2

ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के सीक्रेट मिशन का खुलासा-2 अधिकारियों ने खुलासा किया कि मोसाद के स्नाइपर ने

ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के लिए रिमोट कंट्रोल के जरिए मशीन गन का ट्रिगर खींचा था। अधिकारियों ने कहा कि इस्राईली स्नाइपर एक हजार मील की दूरी पर था और वो लगातार सैटेलाइट तस्वीरों को देख रहा था।

अधिकारियों ने हमले के बार में विस्तृत खुलासा करते हुए कहा कि, जिस घातक बंदूक से ईरानी वैज्ञानिक के ऊपर गोलियां चलायी गयी थीं , उसे एक पिकअप ट्रक में रखा गया था, जो टार्गेट के इंतजार में था।

कैमरे लगे मशीन गन को एक पिकअप ट्रंक में रखकर टार्गेट का इंतजार किया जा रहा था। यह मशीन गन ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ी हुई थी और इसमें काफी हाइटेक कैमरे लगे हुए थे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को इस तरह से प्रोग्राम किया गया था कि, ईरान और अज्ञात जगह पर मौजूद स्नाइपर की जगह के बीच 1.6 सेकेंड्स का समय अंतराल था, उसकी समस्या को भी खत्म किया गया।

साथ ही यह भी इंतेज़ाम किया गया था कि बंदूक से गोली निकल जाने से लेकर कार में बैठे ईरानी वैज्ञानिक को गोली लगने तक की हलचल को वो रिकॉर्ड कर सके।

इस ऑपरेशन को मोसाद के स्नाइपर ने कितनी सटीकता से अंजाम दिया, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जब ईरान के वैज्ञानिक को एक हजार मील की दूरी से गोली मारी गई थी, उस वक्त उस कार में वैज्ञानिक की बगल वाली सीट पर उनकी पत्नी बैठी थीं, फिर भी वैज्ञानिक की पत्नी को खरोंच तक नहीं आई।

ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों ने खुलासा किया है कि एक जासूसी कार की मदद से ईरानी वैज्ञानिक की कार की स्पीड को कम किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, ईरानी वैज्ञानिक अपनी कार को एक मोड़ से यू-टर्न लेने वाले थे और इस जगह पर कैमरों से लैस एक जासूसी कार को सेट किया गया था, ताकि ईरानी वैज्ञानिक की ना सिर्फ शिनाख्त की जा सके, बल्कि उनकी कार की स्पीड को भी कम किया जा सके।

कैमरे से देखा जा रहा था कि वैज्ञानिक कार में किस सीट पर बैठे हैं और वो क्या कर रहे हैं। खुफिया अधिकारियों ने कहा कि उस कार के जरिए हम ये भी पुष्टि करना चाहते थे कि हमारा मिशन कामयाब हुआ या नहीं।

ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह को बेहद सीक्रेट रखा जाता था और उन्हें उनके अड्डे से बाहर निकालने के लिए इस्राईल ने कई साल पहले ही प्लान तैयार कर लिया था। उन्हें उनके सीक्रेट अड्डे से बाहर लाने के लिए मोसाद के एजेंट ने कई प्लॉट तैयार किए थे।

इस्राईल को पक्की जानकारी थी कि मोहसिन फखरीजादेह कुछ ही सालों में ईरान के लिए न्यूक्लियर हथियार बनाने में कमयाब हो जाएंगे, जो उसके लिए खतरा होगा। लिहाजा मोसाद के एजेंट्स ने ऐसे-ऐसे प्लॉट तैयार किए थे, कि वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह को सीक्रेट अड्डे से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा, और मोसाद के एजेंट इसी ताक में बैठे हुए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, पहले ये ऑपरेशन धीरे-धीरे चल रहा था, लेकिन जब ये तय होने लगा कि डोनाल्ड ट्रंप फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं चुने जाएंगे, तो फिर इस ऑपरेशन को और ज्यादा तेज कर दिया गया।

इस्राईल के अधिकारियों का मानना था कि अगर जो बाइडन सत्ता में आते हैं, तो वो ईरान के साथ परमाणु हथियारों को लेकर फिर से समझौता कर लेंगे, ऐसे में इस्राईल ने डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में ही ईरानी परमाणु वैज्ञानिक को मारने की पूरी प्लानिंग तैयार कर ली।

इस्राईली अधिकारियों ने हमले को अंजाम देने के लिए ड्रोन की जगह पर मशीन गन को चुना। इसके पीछे वजह ये थी कि ड्रोन का पता लगाना काफी आसान होता है, जबकि मशीन को आसानी से छिपाया जा सकता था।

एक खुफिया अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि चुनी गई बंदूक बेल्जियम निर्मित एफएन एमएजी मशीन गन का एक विशेष मॉडल थी जिसे तब एक हाईटेक रोबोटिक मशीन से जोड़ा गया था। इस अधिकारी ने कहा कि यह एस्क्रिबानो के सेंटिनल 20 मॉडल के समान था।

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