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सऊदी युवराज ने स्वीकारा सीरिया को लेकर गलत थी सऊदी अरब की नीति

सऊदी युवराज ने स्वीकारा सीरिया को लेकर गलत थी सऊदी अरब की नीति सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने सीरिया और राष्ट्रपति बश्शार असद को लेकर रियाज़ की गलतियों को स्वीकार किया है।

सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि हमने सीरिया और राष्ट्रपति बश्शार असद के संबंध में बहुत सी गलतियां की हैं। लेबनान के एक समाचार पत्र ने सऊदी अरब के अधिकारियों के हवाले से खबर देते हुए कहा है कि सऊदी अधिकारियों ने रियाज़ के करीबी लेबनानी सूत्रों से कहा है कि सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने हमसे इस बात को कहा है कि रियाज ने सीरिया और राष्ट्रपति बश्शार असद को लेकर गलती की है।

लेबनान के राजनीतिक सूत्रों ने क्षेत्रीय घटनाक्रम, सऊदी अरब – ईरान वार्ता एवं सीरिया के साथ अरब देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की वार्ता की ओर संकेत करते हुए कहा कि सऊदी युवराज का मानना है कि रियाज़ ने सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद और दमिश्क़ को लेकर गलत नीति अपनाई थी।

इन सूत्रों ने कहा कि सऊदी युवराज का मानना है कि हमने बश्शार असद और सीरिया को लेकर गलत नीति अपनाई। वर्तमान में सऊदी अरब और सीरिया के दरमियान संबंध स्थापित हो चुका है।

समाचार पत्र अल दियार के अनुसार सऊदी अधिकारियों ने अतीत में सीरिया को लेकर जारी अपनी नीतियों को गलत मानते हुए अपने लेबनानी सहयोगियों से कहा है कि वह सीरिया की तरफ फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ाएं और अतीत में अपनाए गए नकारात्मक रुख की भरपाई करने के लिए यथासंभव प्रयास करें।

टी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार इन सूत्रों ने सियासत अल कुवैतिया के मुख्य संपादक अहमद ज़ारुउल्लाह के उस ट्वीट का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति बश्शार असद और सीरिया की जनता से माफी मांगते हुए कहा था कि खाड़ी के अरब देशों ने सीरिया में आतंकवादियों को भेजा और आतंकवाद का भरपूर समर्थन किया।

याद रहे कि सियासत अल कुवैतिया आतंकवाद के विरुद्ध जारी युद्ध में सीरिया सरकार का घोर आलोचक और आतंकवादी समूहों का कट्टर समर्थक था। सीरिया में 2011 से ही नुसरह फ्रंट, अल कायदा एवं आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों ने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए सीरिया को आतंकवाद की आग में झोंक दिया था।

आतंकवादी संगठनों का हर तरह से समर्थन करते हुए अमेरिका , इस्राईल और तुर्की समेत कई अरब देशों ने सीरिया से अपने संबंध समाप्त कर लिए थे। आतंकवाद पर सीरिया की निर्णायक जीत के साथ ही अरब देशों के रुख में बदलाव आ रहा है।

साथ ही एक बार फिर सीरिया के राष्ट्रपति चुनाव में असद की बहुमत के साथ जीत के साथ अरब देशों ने चाहते ना चाहते हुए उन्हें स्वीकार कर लिया है। अफगानिस्तान से अमेरिका की अपमानजनक वापसी के बाद भी अरब देशों में यह संदेश गया है कि वह अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करें।

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