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सऊदी अरब ने एमबीसी (MBC) चैनल के प्रबंधकों को तलब किया

सऊदी अरब ने एमबीसी (MBC) चैनल के प्रबंधकों को तलब किया

सऊदी अरब द्वारा एमबीसी (MBC) चैनल के प्रबंधकों को तलब करने की घटना ने मीडिया जगत में हलचल मचा दी है। सऊदी अरब के मीडिया विनियमन विभाग द्वारा जारी किए गए इस बयान में कहा गया है कि किसी भी समाचार चैनल द्वारा किए गए उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, हालांकि चैनल का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया। माना जा रहा है कि यह कदम एमबीसी (MBC) चैनल की हालिया रिपोर्ट के बाद उठाया गया, जिसमें प्रतिरोध के प्रमुख शहीदों को अपमानजनक तरीके से “आतंकवादी” कहा गया।

एमबीसी (MBC) की यह रिपोर्ट शुक्रवार को प्रसारित हुई थी, जिसमें शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह, शहीद कासिम सुलेमानी, शहीद इस्माइल हनीये, और शहीद यहिया अल-सिनवार जैसे प्रतिष्ठित प्रतिरोध नेताओं को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया। इस रिपोर्ट ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश पैदा किया, विशेष रूप से प्रतिरोध के समर्थकों और अन्य अरब देशों के लोगों द्वारा।

इराक़ में इस रिपोर्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए, जहां इराकी युवाओं ने एमबीसी चैनल के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और कुछ प्रदर्शनकारी चैनल के परिसर में भी घुस गए। इसके बाद इराक़ी सरकार ने इस चैनल के लाइसेंस को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि, सरकार इस तरह की घृणास्पद रिपोर्टों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

इस बीच, फिलिस्तीनी संगठन हमास ने एमबीसी की इस रिपोर्ट की कड़ी निंदा की और इसे “दुश्मन के पांचवें स्तंभ” का कार्य बताया, जिससे उनका तात्पर्य ऐसे तत्वों से है जो आंतरिक तौर पर संगठन या राष्ट्र के खिलाफ काम करते हैं। हमास ने इसे शर्मनाक बताया और एमबीसी से माफी मांगने की अपील की।

इस घटना ने पूरे क्षेत्र में मीडिया की भूमिका और जिम्मेदारी पर एक नई बहस को जन्म दिया है। सऊदी अरब का यह कदम यह संकेत देता है कि देश के भीतर मीडिया आउटलेट्स को नियंत्रित करने और किसी भी प्रकार के असंवेदनशील या उकसाने वाले रिपोर्टिंग को रोकने के लिए सरकार अधिक सतर्क हो गई है।

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