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सऊदी अरब, पैसा दो, भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्ति पाओ

सऊदी अरब, पैसा दो भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्ति पाओ सऊदी अरब के क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने शासन के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपियों को क्लीन चिट देने के लिए भुगतान के सिद्धांत पर आधारित है अनोखा रिकॉर्ड बनाया है जो बेहद अजीब है।

सऊदी अरब में भ्रष्टाचार का सामना कर रहे हैं लोगों को आरोप मुक्त होने के लिए भारी भुगतान कर किसी भी कार्यवाही से बचने के मामले सामने आए हैं।

इस क्रम में सबसे ताजा उदाहरण भ्रष्टाचार के आरोप में महीनों गिरफ्तार रहने के बाद आजाद होने वाले जनरल मंसूर बिन सुल्तान अल तुर्की का है।

सऊदी लीक्स की रिपोर्ट के अनुसार अल अहद अल जदीद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा है कि सऊदी युवराज के करीबी अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद जनरल मंसूर से पहले तो 200 मिलियन रियाल की मांग की लेकिन वह कहते रहे कि उनके पास इतनी रकम नहीं है।

मेजर जनरल मंसूर के बैंक खातों की जांच करने के बाद सऊदी अधिकारियों ने उनसे कहा कि वह 100 मिलियन रियाल अदा करें और सऊदी शासन ने इस भ्रष्टाचार के आरोपी मेजर जनरल से 100 मिलियन रियाल लेकर होने आजाद कर दिया।

पिछले महीने ही खबर आई थी कि मेजर जनरल मंसूर को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मेजर जनरल मंसूर वर्तमान परिषद के सदस्य हैं। वह पूर्व में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता भी रह चुके हैं एवं केंद्रीय सैन्य कमान के प्रमुख का पदभार भी संभाल चुके हैं।

जिस समय से मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी युवराज का पदभार संभाला है तब से ही सऊदी राजकुमारो, व्यापारियों, शिक्षाविदों एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कई संस्थाओं के खिलाफ दमनकारी रवैया अपनाया है। सऊदी युवराज के दमनकारी नीति पर देशभर में चुप्पी बढ़ गई है।

सऊदी युवराज ने 2015 से लेकर 2020 तक सत्ता पर अपनी पकड़ को बेहद मजबूत किया है। इस काम के लिए उसने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया तो कुछ को नजरबंद किया और कुछ को देश निकाला दे दिया है। कहा जा रहा है कि वह अपने प्रतिद्वंदी एवं विरोधी कई लोगों को ठिकाने लगा चुका है।

वाल स्ट्रीट जनरल के अनुसार बिन सलमान अब राजशाही के लिए पूरी तरह तैयार है और वह सऊदी सत्ता पर अपनी पकड़ को मजबूत कर चुका है। उसने सऊदी राजशाही के लिए सऊदी राजवंश की नींव को बेअसर कर दिया है। अब सऊदी सत्ता के लिए ना उनका कोई प्रतिद्वंदी है और ना ही कोई आलोचक। वह सऊदी राज परिवार के वरिष्ठ सदस्यों को बेअसर बना चुका है।

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