सऊदी अरब अपनी ज़मीन पर एक फ़िलिस्तीनी राज्य बना सकता है: नेतन्याहू
इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने फ़िलिस्तीनी राज्य के गठन के किसी भी विचार को खारिज करते हुए कहा कि “फ़िलिस्तीनियों को अपने देश में राज्य बनाने के बजाय सऊदी अरब की ज़मीन पर ही अपनी सरकार बना लेनी चाहिए।” इससे पहले, सऊदी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि जब तक फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं होती, तब तक इज़रायल के साथ संबंध सामान्य करना संभव नहीं है।
गुरुवार को इज़रायली चैनल 14 को दिए गए एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने फ़िलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार की माँग को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा, “सऊदी अरब अपने देश में एक फ़िलिस्तीनी राज्य बना सकता है, उनके पास बहुत ज़मीन है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या सऊदी अरब के साथ संबंध सामान्य करने के लिए फ़िलिस्तीनी राज्य ज़रूरी है, तो नेतन्याहू ने इसे इज़रायल के लिए ख़तरा बताते हुए पूरी तरह से खारिज कर दिया।
नेतन्याहू ने आगे कहा, “फ़िलिस्तीनी राज्य? बिल्कुल नहीं। खासतौर पर 7 अक्टूबर के बाद। क्या आपको पता है 7 अक्टूबर क्या था? एक फ़िलिस्तीनी राज्य था, जिसका नाम ग़ाज़ा था, जो हमास के नियंत्रण में था, और देखिए हमें क्या मिला – 7 अक्टूबर।”
नेतन्याहू ने सऊदी अरब और इज़रायल के संबंधों पर कहा कि “यह न केवल संभव है, बल्कि यह होने जा रहा है।” हालाँकि, सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने नेतन्याहू के बयान को खारिज कर दिया और फ़िलिस्तीनी राज्य के समर्थन के अपने रुख को दोहराया।
नेतन्याहू का यह इंटरव्यू तब हुआ जब वह वॉशिंगटन डीसी में थे, जहाँ उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसी दौरान, ट्रंप ने कहा कि “अमेरिका ग़आज़ा पर कब्ज़ा करेगा और फ़िलिस्तीनियों को किसी और जगह बसा देगा, ताकि ग़ाज़ा का फिर से निर्माण किया जा सके।”
ट्रंप ने दावा किया कि “अमेरिका ग़ाज़ा को मध्य पूर्व का ‘पर्यटन केंद्र’ बना सकता है।” उन्होंने गुरुवार को अपनी इस योजना को दोहराते हुए कहा कि “इसके लिए किसी अमेरिकी सैनिक की ज़रूरत नहीं होगी।” ग़ौरतलब है कि ट्रंप के इस बयान की कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों और नेताओं ने निंदा की है।