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सऊदी अरब ने स्वीकारा, उम्मीदों से कहीं अधिक लंबा हो गया यमन युद्ध

सऊदी अरब ने स्वीकारा, उम्मीदों से कहीं अधिक लंबा हो गया यमन युद्ध

सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल-सऊद का कहना है कि यमन पर उनके देश की सैन्य हमले का उद्देश्य मंसूर हादी सरकार की रक्षा करना था, लेकिन इस मे अपेक्षा से अधिक समय लग गया है ।

सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने कि हमने मंसूर हादी के नेतृत्व वाली यमन सरकार की मदद और सुरक्षा के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस देश में हस्तक्षेप किया। हम समझ रहे थे कि इसमें अधिक समय नहीं लगेगा, लेकिन दुर्भाग्य से इसमें हमारी उमीद से ज़्यादा समय लगा।

सऊदी मंत्री ने दावा करते हुए कि वह देश की इस मुश्किल को हल करने के लिए राजनैतिक समाधान खोजने की कोशिश जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा सऊदी अरब ने पिछले साल मार्च में एक राजनीतिक प्रक्रिया के बाद युद्ध रोकने की पेशकश की थी और अब फिर दूसरी बार सऊदी अरब ने यह प्रस्ताव रखा है। परन्तु दुर्भाग्य से, हौसी जनांदोलन ने अभी तक हमारे प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है और सकारात्मक बातचीत करने से इनकार कर रहे हैं।

सऊदी विदेश मंत्री ने यमन जनांदोलन अंसारुल्लाह को सऊदी गठबंधन और उसके भाड़े के सैनिकों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों को मुक्त करने के लिए सैन्य अभियानों को दोषी ठहराया।

याद रहे कि यमन नेशनल सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और मध्यस्थता करने वाले दलों को बार-बार राजनीतिक समाधान की पेशकश की है। साथ साथ सऊदी सैन्य हमलों को समाप्त करने और यमन की नाकाबंदी को ख़त्म का आह्वान किया है, लेकिन अतिक्रमणकारी शक्तियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं होने दी । वह हमेशा यमन के खिलाफ रही है।

सऊदी अरब ने यमन की अपदस्थ मंसूर हादी सरकार को सत्ता में वापसी दिलाने के नाम पर यमन के खिलाफ पिछले 7 वर्ष से बर्बर युद्ध छेड़ते हुए इस देश की संपूर्ण नाकाबंदी कर रखी है जिसमे उस के साथ संयुक्त अरब अमीरात , सूडान समेत कई देशों का सैन्य गठबंधन के रूप में समर्थन हासिल है जबकि अमेरिका, इस्राईल और जर्मनी समेत अन्य देशों से भी उसे सैन्य सहायता एवं आधुनिक हथियार मिलते रहे हैं।

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