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रूस ने पश्चिम देशों को दी चेतावनी,कहा न लें सब्र का इम्तेहान

रूस ने पश्चिम देशों को दी चेतावनी,कहा हमारे सब्र का न लें इम्तेहान

रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जखारोवा ने कहा कि यूक्रेन और पश्चिम की राजधानियों को रक्षा मंत्रालय के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए कि यूक्रेन को रूसी क्षेत्र पर हमला करने के लिए उकसाने से निश्चित रूप से रूस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी।

यूक्रेन पर जारी हमलों के बीच रूस ने पश्चिम देशों को सख्त चेतावनी दी है। रूस ने गुरुवार को पश्चिम को चेतावनी दी कि मास्को क्षेत्र पर किसी भी हमले के लिए एक कठिन सैन्य प्रतिक्रिया का जवाब दिया जाएगा। साथ ही रूस ने अमेरिका और उसके प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों पर यूक्रेन को मास्को पर हमला करने के लिए खुले तौर पर उकसाने का आरोप लगाया है।

रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के दो महीने बाद मास्को ने हाल के दिनों में रिपोर्ट किया कि वह जो कह रहा है वह यूक्रेन की सीमा से लगे रूसी क्षेत्रों पर यूक्रेनी बलों द्वारा हमलों की एक श्रृंखला है। साथ ही चेतावनी दी कि इस तरह के हमले एक खतरे को उत्पन्न करते हैं।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि पश्चिम देश खुले तौर पर कीव से रूस पर हमला करने का आह्वान कर रहे हैं जिसमें नाटो देशों से प्राप्त हथियारों का इस्तेमाल भी शामिल है। साथ ही कहा कि मैं आपको हमारे धैर्य की और परीक्षा लेने की सलाह नहीं देती हूं।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अगर इस तरह के हमले जारी रहे तो मास्को यूक्रेन में निर्णय लेने वाले केंद्रों को निशाना बनाएगा जिनमें वे भी शामिल हैं जहां उसने कहा था कि पश्चिमी देशों के सलाहकार कीव की मदद कर रहे थे। जखारोवा ने कहा कि यूक्रेन और पश्चिम की राजधानियों को रक्षा मंत्रालय के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए कि यूक्रेन को रूसी क्षेत्र पर हमला करने के लिए उकसाने से निश्चित रूप से रूस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी। इसके साथ ही जखारोवा ने यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की को पश्चिम की कठपुतली के रूप में बताया है जिसका इस्तेमाल अमेरिका द्वारा रूस को धमकी देने के लिए किया जा रहा है।

बताते चलें कि 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी हैं। लाखों लोग यूक्रेन से पलायन कर चुके हैं। वहीं 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से एक बार फिर रूस और अमेरिका के बीच सबसे गंभीर टकराव की स्थिति बन गई है।

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