यूएन में इज़रायल की मौजूदगी पर रूस ने कड़ा विरोध जताया
संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेंज़िया ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका और इज़रायल के हमलों को बेहद खतरनाक क़रार दिया है और इस पर एक मसौदा प्रस्ताव तैयार करने की जानकारी दी है। तस्नीम न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, नेबेंज़िया ने कहा: “पूरी दुनिया यह चाहती है कि इज़रायल ‘परमाणु हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने वाली संधि’ (NPT) में शामिल हो।”
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “वॉशिंगटन और इज़रायल की ये कार्रवाइयां, एनपीटी और ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के उपयोग के अधिकार पर सबसे गंभीर हमला बन चुकी हैं। नेबेंज़िया ने यह भी बताया कि रूस ने ईरान से जुड़े हालिया घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए एक नया मसौदा प्रस्ताव सुरक्षा परिषद को सौंपा है, जिसका उद्देश्य एक स्थायी संघर्ष-विराम सुनिश्चित करना है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि, एजेंसी को ईरान पर हुए हमलों के संदर्भ में अस्पष्ट भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि स्पष्ट रिपोर्ट पेश कर के हमलावर पक्षों का नाम लेना चाहिए।
ईरान पर हमला करने के बाद भी इज़रायल यहाँ क्या कर रहा है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हुई बैठक में रूस के प्रतिनिधि ने यह भीं कहा कि, “इस बैठक में इज़रायल की मौजूदगी हमारे लिए बेहद अजीब है, क्योंकि वह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का सदस्य ही नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया: “जब इज़रायल खुद ईरान पर हमला कर चुका है, तो फिर उसे इस बैठक में मौजूद रहने का क्या अधिकार है?” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अब तक प्रतिबंधों में राहत से होने वाले लाभों का उपयोग नहीं कर पाया है।

