प्रतिरोध अपनी मिसाइलों के साथ लड़ाई में लौटने में सक्षम: हिज़्बुल्लाह
हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष, महमूद क़माती ने कहा कि संघर्ष-विराम के समझौते को लागू करने के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं है, और अमेरिका इस मामले में कोताही बरत रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका ने इज़रायल को लेबनानी क्षेत्रों में घुसपैठ करने का अवसर दिया है।
अल-मयादीन चैनल से बातचीत में क़माती ने कहा कि इज़रायली दुश्मन द्वारा नागरिकों पर किए गए हालिया हमलों और संघर्ष-विराम के लगातार उल्लंघन का प्रतिरोध ने जवाब दिया। न तो लेबनानी अधिकारी और न ही अमेरिकी इन उल्लंघनों के बारे में बात कर रहे थे, इसलिए प्रतिरोध ने इस पर प्रतिक्रिया दी। इस प्रतिक्रिया के बाद संघर्ष-विराम को लागू करने के लिए तंत्र पर चर्चा शुरू हुई।
उन्होंने कहा कि हिज़्बुल्लाह संघर्ष-विराम निगरानी समिति के प्रदर्शन का इंतजार कर रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे इस स्थिति से असंतुष्ट हैं, लेकिन फिलहाल आक्रमण को रोकने के लिए प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
क़माती ने यह भी आरोप लगाया कि संघर्ष-विराम निगरानी समिति की कोताही जानबूझकर की गई है। उन्होंने कहा कि दुश्मन को वह हासिल करने का मौका दिया जा रहा है, जो वह युद्ध में नहीं कर सका। यह एक सोची-समझी रणनीति है। क़माती ने जोर दिया कि हमें एक वास्तविक संघर्ष-विराम की आवश्यकता है, जो इज़रायल के लिए भी आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में इस मुद्दे को सेना, सरकारी संस्थानों और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उठाया गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हम तब तक संयम बरतेंगे, जब तक यह संभव है, लेकिन दुश्मन को अपनी आक्रामकता रोकनी होगी।”
हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी कि अगर दुश्मन संघर्ष-विराम का उल्लंघन जारी रखता है, तो वे हालिया चेतावनी अभियानों की तरह ही, सैन्य बयान संख्या 2 और 3 भी जारी कर सकते हैं। हालांकि, फिलहाल संघर्ष-विराम निगरानी समिति को मौका दिया जा रहा है।
क़माती ने यह भी कहा, “दुश्मन हमारी भूमि में मौजूद है और आक्रमण जारी रखे हुए है, जबकि कुछ लोग प्रतिरोध को निरस्त्र करने की बात कर रहे हैं। उन्होंने दुश्मन की कार्रवाइयों की निंदा में एक शब्द भी नहीं कहा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रतिरोध अपनी लंबी और छोटी दूरी की मिसाइलों के साथ लड़ाई में वापस लौटने में पूरी तरह सक्षम है।
इज़रायल के खतरे की ओर इशारा करते हुए क़माती ने कहा, “हर किसी को पूर्व से आने वाले संभावित खतरे पर ध्यान देना चाहिए। सवाल यह है कि लेबनान की रक्षा कौन करेगा? प्रतिरोध और सेना के बिना, यह असंभव है। प्रतिरोध एक रणनीतिक आवश्यकता है।”
लेबनान के राष्ट्रपति पद के चुनाव पर बोलते हुए क़माती ने कहा, “हमने लंबे समय पहले ही अपने उम्मीदवार सुलेमान फ्रांजिएह को चुना है। लेकिन ऐसा लगता है कि विपक्षी पक्ष के पास अभी तक कोई उम्मीदवार नहीं है।”
उन्होंने अंत में कहा, “हम अपने उम्मीदवार सुलेमान फ्रांजिएह के साथ प्रतिबद्ध हैं और अन्य राजनीतिक समूहों को गुटों के भीतर बातचीत के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि एक या दो नामों पर सहमति बनाई जा सके।” लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मीकाती ने कुछ घंटे पहले घोषणा की कि इज़रायल ने अब तक संघर्ष-विराम का 60 से अधिक बार उल्लंघन किया है।