Site icon ISCPress

ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण से खुलेगा दो-राष्ट्र समाधान का रास्ता: मिस्र

ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण से खुलेगा दो-राष्ट्र समाधान का रास्ता: मिस्र

मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह अल-सीसी ने बुधवार शाम यह स्पष्ट किया कि, ग़ाज़ा पट्टी में स्थायी शांति और न्यायपूर्ण समाधान का पहला और सबसे अहम क़दम पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करना है। उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब उन्होंने यूरोपीय संघ के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात की, जिसका नेतृत्व विदेश नीति प्रमुख काया कैलास कर रही थीं।

अल-सीसी ने कहा कि मिस्र इस बात पर दृढ़ है कि ग़ाज़ा में मानवता की बहाली, बुनियादी ढांचे की मरम्मत और विस्थापित फिलिस्तीनियों की वापसी से ही एक स्थायी राजनीतिक प्रक्रिया की नींव रखी जा सकती है। उन्होंने यूरोपीय नेताओं को यह जानकारी भी दी कि मिस्र क्षेत्र में व्यापक और स्थायी युद्ध-विराम स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।

राष्ट्रपति ने जोर दिया कि “न्यायपूर्ण और व्यापक शांति” तभी संभव है जब दो-राष्ट्र समाधान को व्यवहार में लाया जाए — यानी एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना की जाए जो 1967 की सीमाओं के आधार पर हो और जिसकी राजधानी पूर्वी यरूशलम हो। उन्होंने यह भी कहा कि मिस्र और यूरोप के बीच हालिया सम्मेलन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह दोनों पक्षों के बीच क्षेत्रीय स्थिरता और मानवीय सहयोग को मज़बूत करने की दिशा में पहला औपचारिक संवाद है।

अल-सीसी ने चेतावनी दी कि, यदि पुनर्निर्माण और राजनीतिक प्रक्रिया में देरी हुई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं तथा हिंसा का चक्र फिर से शुरू हो सकता है।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह “राजनीतिक वचनबद्धता” दिखाए और ग़ज़ा के पुनर्निर्माण को केवल सहायता परियोजना नहीं बल्कि मध्य पूर्व में स्थायी शांति की शुरुआत के रूप में देखे। मिस्र लंबे समय से इस क्षेत्र में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है और उसने इज़रायल और हमास दोनों से बार-बार युद्ध-विराम की अपील की है।

Exit mobile version