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सीरिया में विद्रोहियों का अलवी समुदाय की बस्तियों में लगी आग बुझाने से इंकार

सीरिया में विद्रोहियों का अलवी समुदाय की बस्तियों में लगी आग बुझाने से इंकार

सीरिया पर क़ब्ज़ा जमाए बैठे विद्रोही गुट, जिन्होंने पहले तटीय शहरों में अलवी समुदाय के हज़ारों लोगों की हत्या की थी, अब उन इलाक़ों में लगी भीषण आग को बुझाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं,  जबकि ये आग अब सीधे अलवी बस्तियों की तरफ बढ़ रही है। इस रवैये ने शक पैदा कर दिया है कि कहीं ये आग जानबूझकर अलवी समुदाय को वहां से बेदखल करने के लिए तो नहीं लगाई गई है।

अंतरराष्ट्रीय मामलों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, अल-मयादीन चैनल ने सीरिया के स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया कि तटीय जंगलों में फैली आग लाताकिया के बाहरी इलाके “नबा अल-मर” में बसे अलवी निवासियों के घरों तक पहुँच चुकी है।

वहीं “सीरियन कोस्ट वॉच” नाम के एक चैनल ने वीडियो जारी करते हुए बताया कि यह आग “कस्ब” क्षेत्र में आम नागरिकों के घरों के नज़दीक पहुंच गई है, जो तुर्की और सीरिया की सीमा पर स्थित है। चैनल के मुताबिक़, ये आग पिछले 10 दिनों से लगातार फैल रही है और विद्रोही नेता अबू मुहम्मद अल-जूलानी (अहमद अल-शरअ) अब तक रूस की मदद लेने से साफ़ इनकार कर चुका है। जो अलवी खुद से आग बुझाने की कोशिश करते हैं, उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जा रहा है।

“सीरियन कोस्ट वॉच” का कहना है कि यह घटनाक्रम इस शक को मजबूत करता है कि यह आग एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद अलवी समुदाय को उस इलाके से जबरन हटाना है। विशेष तौर पर इसलिए क्योंकि कई वीडियोज़ और चश्मदीद गवाहों ने बताया है कि यह आग विद्रोही गुटों और हयात तहरीर अल-शाम के कुछ तत्वों द्वारा जानबूझकर लगाई गई है।

हैरानी की बात यह है कि इन विद्रोहियों ने रूस की मदद केवल एक बार स्वीकार की —जब आग, तुर्कमानी और सुन्नी बहुल गांव “क़सतल मआफ़” के क़रीब पहुंच गई थी। इसके अलावा वे रूस की मदद के हर प्रस्ताव को हर रोज़ ठुकराते आ रहे हैं।

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