इज़रायली हमले पर क़तर की प्रतिक्रिया, नेतन्याहू के अपराधों की कोई सीमा नहीं
क़तर में हमास नेताओं के साथ युद्ध-विराम समझौते की बैठक के समय हमला करने के बाद इज़रायल की चौतरफ़ा निंदा हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि, क़तर में जो हुआ इससे मैं राज़ी नहीं हूं, लेकिन उन्होंने इज़रायल के इस आपराधिक हमले की कोई आलोचना भी नहीं की।
क़तर पर इज़रायली हमलों के बाद क़तर के अमीर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, इस्लामी देशों को इज़रायली शासन के लगातार अपराधों की गंभीर और प्रभावी ढंग से निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि,अपराधी नेतन्याहू, अपराधों की कोई सीमा नहीं जानते।
वहीं क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ टेलीफोन पर बातचीत में, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने इस देश के खिलाफ इज़रायल के आक्रमण की कड़ी निंदा की और अशइस मित्रवत और भाईचारे वाले देश के साथ इस्लामी गणराज्य ईरान के पूर्ण समर्थन और एकजुटता की घोषणा की।
उन्होंने कहा: ” इस्लामी गणराज्य ईरान, क़तर में अपने भाइयों के साथ खड़ा है और अपने पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र का समर्थन करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।”
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि, दुर्भाग्यवश, ज़ायोनी शासन किसी भी स्वीकृत अंतर्राष्ट्रीय ढांचे का पालन नहीं करता है और किसी भी वैश्विक कानूनी नियम का सम्मान नहीं करता है। उन्होंने आगे कहा: “ज़ायोनी शासन द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई और व्यवहार अमेरिका के समर्थन और संरक्षण से किया जाता है।”
कतर के अमीर ने भी ईरानी राष्ट्रपति के फोन कॉल के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की और कहा: “नेतन्याहू जैसाअपराधी, अपने अपराधों की कोई सीमा नहीं जानता है, और दुर्भाग्य से, वह जहां चाहे, जिस तरह चाहे, बिना किसी बाधा के हमला और बमबारी करता है।
शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय देशों को ज़ायोनी शासन के अपराधों के खिलाफ एकजुट और एकीकृत रुख अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा:
हमास के अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रस्तावित युद्ध_विराम योजना की समीक्षा कर रहे थे और हमने उनके साथ जो विचार-विमर्श किया था, उसमें कहा था कि वे योजना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश, इजरायल ने उसी बैठक पर हमला कर दिया।
क़तर के अमीर ने आशा व्यक्त की कि, इस्लामी गणराज्य ईरान और अन्य इस्लामी देशों के बीच क़तर के साथ संपर्क आने वाले दिनों में जारी रहेगा ताकि सहयोग और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से इज़रायल के अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

