पुतिन ने यूक्रेन को लेकर नाटो और पश्चिमी जगत के लिए लक्ष्मण रेखा खींचीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को नाटो को यूक्रेन में सैनिकों और हथियारों की तैनाती के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यूक्रेन में नाटो ने लक्ष्मण रेखा पार की तो रूस को मजबूरन जवाब देना पड़ेगा। उधर, अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रमकता के लिए चेतावनी दी है।
पुतिन ने निवेश पर एक ऑनलाइन सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि मास्को अपनी सीमाओं के पास नाटो सैन्य अभ्यास के बारे में चिंतित है। नाटो की सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास से मास्को के मुख्य सुरक्षा हितों को चोट पहुंची है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि नाटो अंततः यूक्रेन की धरती पर मिसाइलें तैनात कर सकता है जो केवल पांच मिनट में रूसी कमांड सेंटरों को निशाना बना सकती हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि उनके देश ने हाल ही में समुद्र आधारित हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण में सफलता हासिल की है, जो अगले साल से सेवा में होगी। जीराकान सुपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की गति से 9 गुना गति से लगभग 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है। इस मिसाइल का कई बार परीक्षण किया जा चुका है। रूसी नौसेना ने सोमवार को सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया और 400 किमी की दूरी से लक्ष्य को भेदने में कामयाब रही।
जिरकान सुपरसोनिक मिसाइल अगले साल रूसी सेना में प्रवेश करने वाली है। पुतिन ने जोर देकर कहा कि मिसाइल की तैनाती से रूसी सेना की क्षमता में काफी वृद्धि होगी। यह सुपरसोनिक बहु-भूमिका मिसाइल नौसैनिक और जमीनी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन की गई है और यह 625 मील से अधिक की दूरी पर लक्ष्य को मार सकती है। जिरकान मिसाइल को रूसी पनडुब्बियों पर तैनात किया जाएगा।
रूसी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर नौवें मास्को सम्मेलन में कहा कि रूस या उसके सहयोगियों के खिलाफ परमाणु बम और सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों के उपयोग के जवाब में मास्को परमाणु हथियारों का सहारा लेने का अधिकार सुरक्षित रखता है। हाल के वर्षों में, रूस ने बार-बार अमेरिकी कदमों को मिसाइल रक्षा ढाल प्रणालियों को तैनात करने और देश का मुकाबला करने के लिए अंतरिक्ष का सैन्यीकरण करने की चेतावनी दी है।