पैग़ंबर मुहम्मद के अपमानजनक कार्टून पर तुर्की में जन आक्रोश
पैग़ंबर मुहम्मद साहब के अपमान पर आधारित एक कार्टून के प्रकाशन ने तुर्की की सांस्कृतिक राजधानी इस्तांबुल की शांति को भंग कर दिया और अब यह मामला देश की सुरक्षा व न्यायिक संस्थाओं में गंभीरता से उठाया जा रहा है।
फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार की रात इस्तांबुल में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जो बाद में पुलिस से झड़प में बदल गया। यह प्रदर्शन हास्य पत्रिका ‘लेमन’ (Leman) में छपे उस आपत्तिजनक कार्टून के विरोध में हुआ, जिसमें पैग़ंबर इस्लाम (स.अ.) का अपमान किया गया था। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने प्लास्टिक की गोलियों और आँसू गैस का इस्तेमाल किया।
बढ़ते जन-रोष के बाद तुर्की की अदालत ने उस कार्टून के डिज़ाइनर और पत्रिका की संपादकीय टीम के तीन अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी का आदेश दिया। गृहमंत्री अली येरलिकाया ने बताया कि इनमें पत्रिका के ज़िम्मेदार प्रबंधक, प्रधान संपादक और ग्राफ़िक डिज़ाइनर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को “धार्मिक मूल्यों का अपमान” करने के आरोप में न्यायिक प्रक्रिया में लाया गया है।
गिरफ्तारी के समय के वीडियो भी मीडिया में सामने आए हैं। मंत्री ने कहा, “इन लोगों को इस्लाम के पैग़ंबर के अपमान का हिसाब देना होगा। हालाँकि पत्रिका के संपादक ने सफाई दी कि यह कार्टून दरअसल एक ऐसे व्यक्ति का चित्रण था जिसका नाम ‘मोहम्मद’ है और जो इज़रायल के हमले में मारा गया था, न कि पैग़ंबर इस्लाम का। लेकिन यह स्पष्टीकरण सार्वजनिक ग़ुस्से को कम नहीं कर पाया।
न्याय मंत्री यिलमाज़ टुंच ने बताया कि “धार्मिक मूल्यों के सार्वजनिक अपमान” के आरोप में कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि “पैग़ंबर का अपमान सामाजिक शांति के लिए ख़तरा है।” इस्तांबुल के गवर्नर दावूद गुल ने इस कृत्य को “उकसाने वाला और अस्वीकार्य” बताया और कहा कि ऐसी बेअदबियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
ग़ौरतलब है कि पत्रिका ‘लेमन’ इससे पहले भी विवादास्पद सामग्री प्रकाशित कर चुकी है और तुर्की के रूढ़िवादी हलकों ने उस पर पश्चिमी देशों की उन पत्रिकाओं का समर्थन करने का आरोप लगाया है जो इस्लामी पवित्रताओं का अपमान करती हैं।

