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गाजा में इज़रायल के हमलों के खिलाफ तेल अवीव सहित लंदन और पेरिस में विरोध प्रदर्शन

गाजा में इज़रायल के हमलों के खिलाफ तेल अवीव सहित लंदन और पेरिस में विरोध प्रदर्शन

ग़ाज़ा में इज़रायल द्वारा जारी बर्बर हमलों को लेकर 7 अक्टूबर को एक साल पूरा हो गया है, जिस पर इज़रायली राजधानी तेल अवीव समेत दुनिया के कई देशों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस दिन को इज़रायली आक्रमण के खिलाफ आवाज़ उठाने और ग़ाज़ा के निर्दोष नागरिकों के लिए न्याय की मांग के रूप में चिन्हित किया गया।

लंदन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

लंदन में हजारों प्रदर्शनकारियों ने एक बड़ा मार्च निकाला, जिसमें इज़रायल के हमलों की कड़ी निंदा की गई। प्रदर्शनकारियों ने ग़ाज़ा में जारी हिंसा के तुरंत अंत और युद्ध-विराम की मांग की। लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर और वेस्टमिंस्टर के आसपास यह विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां फ़िलिस्तीनी झंडे लहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए। “फ्री ग़ज़ा” और “युद्ध-विराम अभी” जैसे नारों ने शहर की सड़कों को भर दिया। प्रदर्शनकारियों में छात्रों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, धार्मिक समूहों और स्थानीय नागरिकों की बड़ी संख्या देखी गई।

फ्रांस में प्रदर्शनकारियों का मार्च

फ्रांस में, विशेष रूप से पेरिस और अन्य बड़े शहरों में, हज़ारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर इज़रायल की आक्रामकता के खिलाफ विरोध जताया। पेरिस में, फ़िलिस्तीनी और लेबनानी झंडे लहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण मार्च किया, जिसमें इज़रायली हमलों को तुरंत रोकने की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने ग़ाज़ा और लेबनान में हो रहे हमलों की निंदा की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की।

स्वीडन में स्टॉकहोम के सड़कों पर जनसमूह

स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में भी सैकड़ों लोगों ने फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी फ़लस्तीनी झंडे और युद्ध-विराम के समर्थन में तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरे। उन्होंने ग़ाज़ा में जारी हिंसा को रोकने के लिए स्वीडिश सरकार और संयुक्त राष्ट्र से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की।

तेल अवीव में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ विरोध

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इज़रायल के अंदर भी बड़े विरोध प्रदर्शन हुए। तेल अवीव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की और ग़ाज़ा में युद्ध-विराम और बंधकों की रिहाई के लिए तत्काल समझौता करने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू को बंधकों की सुरक्षा और उन्हें वापस लाने में विफल होने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इज़रायली सरकार पर आरोप लगाया कि वह ग़ाज़ा में हिंसा को भड़का रही है और युद्ध-विराम पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इन विरोध प्रदर्शनों ने वैश्विक स्तर पर इज़रायल की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। मानवाधिकार संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी इज़रायल पर आरोप लगाया कि वह ग़ाज़ा में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। ग़ाज़ा के नागरिकों की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक ठोस और प्रभावी समाधान की मांग की जा रही है।

युद्धविराम की बढ़ती मांग

इन प्रदर्शनों के माध्यम से दुनिया भर के लोग इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की मांग कर रहे हैं। तेल अवीव, लंदन, पेरिस और स्टॉकहोम में हुए इन प्रदर्शनों से यह साफ हो गया है कि आम नागरिक अब युद्ध को लेकर जागरूक हो रहे हैं और वे तुरंत युद्ध-विराम और बंधकों की सुरक्षित रिहाई की मांग कर रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर शांति और न्याय की मांग को मजबूती प्रदान कर रहे हैं, जहां ग़ाज़ा और लेबनान में पीड़ित नागरिकों के लिए मानवता की आवाज़ बुलंद की जा रही है।\

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