फ़िलिस्तीनी गुट संघर्ष-विराम के प्रति: पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं: हमास
हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या ने मंगलवार तड़के एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध गुट, विशेषकर हमास, ग़ाज़ा में हुए संघर्ष-विराम (ceasefire) समझौते के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और यह समझौता बरक़रार रहेगा।
उन्होंने मिस्र के न्यूज़ चैनल अल-क़ाहिरा अल-अख़बारिया से बातचीत में कहा कि “हमास और सभी फ़िलिस्तीनी गुट संघर्ष-विराम का सम्मान करेंगे और इसे बनाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे।” अल-हय्या ने बताया कि युद्ध के बाद ग़ाज़ा में हालात बेहद मुश्किल हैं और “शहीदों के शवों को वापस लाने में हमें गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हम इस दिशा में पूरी निष्ठा और गंभीरता से काम कर रहे हैं।”
हमास नेता ने मिस्र में आयोजित उस बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भी ज़िक्र किया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति समेत कई वैश्विक नेताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, “इस सम्मेलन का आयोजन और उसमें हुई चर्चाएँ इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि, ग़ाज़ा में युद्ध समाप्त हो चुका है।”
अल-हय्या ने कहा कि “मध्यस्थ देशों और अमेरिकी राष्ट्रपति से जो संदेश हमें मिला है, वह हमें यह भरोसा देता है कि अब युद्ध वास्तव में खत्म हो गया है और क्षेत्र में स्थिरता लौटने की संभावना बढ़ी है।” उन्होंने साथ ही ग़ाज़ा के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने की अपील की और कहा कि वहाँ के लोगों को अब भी बुनियादी ज़रूरतों — जैसे भोजन, दवा और आश्रय — की सख्त कमी का सामना करना पड़ रहा है।
अंत में अल-हय्या ने जोर देकर कहा कि “हमास अपनी ज़िम्मेदारी समझता है और हम इस संघर्ष-विराम को स्थायी बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। ग़ाज़ा समझौता कायम रहेगा और हमारी प्रतिबद्धता पहले से कहीं अधिक मज़बूत है।” उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय ग़ाज़ा में स्थायी शांति और पुनर्निर्माण के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि फिलिस्तीनी पक्ष इस समझौते को क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक अहम कदम मान रहा है।

