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तुर्की पर भारी पड़ेगी पाकिस्तान की यारी, टेरर फंडिंग मामले में ग्रे लिस्ट में होगा शामिल

तुर्की पर भारी पड़ेगी पाकिस्तान की यारी, टेरर फंडिंग मामले में ग्रे लिस्ट में होगा शामिल पिछले कुछ समय से खुलकर पाकिस्तान का साथ देते हुए भारत विरोधी रुख अपनाने वाले अर्दोगान के लिए सही खबर नहीं है ।

तुर्की के लिए पाकिस्तान से दोस्ती निभाना भारी पड़ सकता है ।पाकिस्तान के बाद अब तुर्की भी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एफएटीएफ के निशाने पर है । कहा जा रहा है कि तुर्की को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल किया जा सकता है ।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तुर्की आतंकवाद के वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग का मुकाबला करने में असफल रहा है ।

आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था तुर्की को ग्रे लिस्ट में डालने के फैसले पर सहमति जता सकती है ।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया के अन्य 22 देशों की तरह तुर्की भी एफएटीएफ की लिस्ट में जल्द ही शामिल हो सकता है।

एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में तुर्की को शामिल किया गया तो यह अर्दोग़ान के नेतृत्व वाली सरकार के लिए यह भारी झटका होगा क्योंकि देश में अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए कई चुनौतियां खड़ी हो जाएंगी। तुर्की में आर्थिक संकट गहराया हुआ है देश की मुद्रा लीरा डॉलर के मुकाबले अब तक के अपने सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है।

कहा जा रहा है कि एफएटीएफ ने 2 साल पहले तुर्की को आतंकी फंडिंग एवं मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नोटिस पर रखा था। इस वैश्विक संस्था ने कहा था कि यह बात सही है कि तुर्की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्त पोषण से होने वाले संकटों को समझता है लेकिन वह फिर भी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं।

तुर्की को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डालने के लिए गुरुवार को संबंधित अधिकारी कोई कड़ा कदम उठा सकते हैं। जून में एफएटीएफ अधिकारियों ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का निर्णय किया था। हालांकि इमरान खान ने दावा करते हुए कहा था कि एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए जो 27 सूत्रीय कार्यक्रम दिया था पाकिस्तान ने उनमें से 26 को लागू कर दिया है।

एफएटीएफ ने इमरान के दावे के जवाब में कहा था कि पाकिस्तान में महत्वपूर्ण प्रगति तो की है लेकिन आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर उसने अभी कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है। पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की ना तो जांच की है और ना ही उन पर कोई मुकदमा चलाया है।

याद रहे कि पाकिस्तान में ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए एंटी मनी लांड्रिंग एवं काउंटर टेरर फाइनेंसिंग कानून पास किए थे लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी समूहों के खिलाफ उचित कार्यवाही ना करने पर एफएटीएफ ने चिंता जताई थी।

आप को बता दें कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष कर रहे सीरिया और यमन समेत दक्षिणी सूडान, मोरक्को ,अल्बानिया ,जिंबाब्वे ,कंबोडिया, बारबाडोस एवं फिलीपींस जैसे कई देश शामिल हैं।

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