ख़ान युनुस में बम धमाके से एक इज़रायली सैनिक की मौत, 9 घायल
दक्षिणी ग़ाज़ा पट्टी के अशांत शहर ख़ान युनुस में एक गंभीर सुरक्षा घटना ने एक बार फिर इज़रायली सेना की रणनीतिक विफलताओं को उजागर कर दिया है। इज़रायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक बम धमाके में एक ज़ायोनी सैनिक मारा गया और 9 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से तीन की हालत नाज़ुक और चार की स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है।
यह धमाका तब हुआ जब इज़रायली सैनिकों की एक टुकड़ी क्षेत्र में गश्त कर रही थी। अल-अलम चैनल की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हमले का केंद्र इज़रायली सेना की रीकॉन यूनिट थी, जिसके कमांडर को भी इस धमाके में गंभीर चोटें आई हैं। सभी घायलों को तत्काल क़ब्ज़ा की गई इज़रायली ज़मीनों के सैन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया। इस हमले की ज़िम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने औपचारिक रूप से नहीं ली है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में हमास और अन्य प्रतिरोधी गुटों द्वारा ऐसे हमले बार-बार किए जा रहे हैं।
इसी बीच, इज़रायली संसद (क्नेसेट) में डेमोक्रेटिक धड़े के प्रमुख याइर गोलान ने एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि ग़ाज़ा युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 898 इज़रायली सैनिक मारे जा चुके हैं। उन्होंने खुलकर इस युद्ध की समाप्ति की मांग करते हुए कहा कि अब “कैदियों की रिहाई के लिए एक व्यावहारिक समझौता होना चाहिए।”
गौरतलब है कि अभी कुछ समय पहले तक इज़रायली अधिकारी ग़ाज़ा में ‘जीत’ और ‘हमास के कमजोर होने’ के दावे कर रहे थे। लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि इज़रायली सैनिक लगातार मुक़ावमत की चतुर और साहसी कार्रवाइयों में फँसते जा रहे हैं। यह घटना इज़रायली समाज और राजनीतिक तंत्र में बढ़ती बेचैनी और युद्ध नीति पर गहराते सवालों की एक और मिसाल बन चुकी है।

