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कोई भी सैन्य कार्रवाई ईरान की क्षमताओं को ख़त्म नहीं कर सकती: ब्रिटेन

कोई भी सैन्य कार्रवाई ईरान की क्षमताओं को ख़त्म नहीं कर सकती: ब्रिटेन

ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी का संसद में दिया गया यह बयान अहम संकेत देता है। उन्होंने कहा “कोई भी सैन्य कार्रवाई ईरान की क्षमताओं को खत्म नहीं कर सकती।” यह बयान सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि पश्चिमी जगत का अप्रत्यक्ष स्वीकार है कि ईरान अब एक ऐसा क्षेत्रीय शक्ति बन चुका है जिसे धमकाया नहीं जा सकता।

उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध की शुरुआत “क्षेत्र के लिए एक बेहद खतरनाक पल” होगी और दोहराया कि “कोई भी सैन्य हमला ईरान की क्षमताओं को समाप्त नहीं कर सकता। लैमी ने साफ कहा कि इज़रायल ने ईरान के खिलाफ गंभीर सैन्य हमले किए हैं जिसमें उसके परमाणु वैज्ञानिक, सैन्य ठिकाने और रणनीतिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया, लेकिन इसके बावजूद ईरान की ताक़त और जवाब देने की क्षमता बरक़रार है।

ब्रिटेन जैसे देश का यह कहना कि वह इस युद्ध में शामिल नहीं है, इस बात का संकेत है कि पश्चिम भी अब इज़रायल की युद्ध नीति से खुद को दूर कर रहा है। इसके बावजूद लैमी ने यह भी माना कि इज़रायल, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को एक “अस्तित्वगत खतरा” मानता है, यानी खुद को बचाने के लिए हमला करता है, लेकिन असल खतरा खुद उसकी नीतियों से पैदा हो रहा है।

ईरान की सामरिक अहमियत पर भी लैमी ने प्रकाश डाला कि, वह एक बड़ा तेल उत्पादक देश है और होरमुज़ की खाड़ी से होकर दुनिया का व्यापार गुजरता है। ऐसे में युद्ध का फैलना पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला सकता है।

आखिर में, उनका यह बयान कि, दोनों पक्ष एक कदम पीछे हटें, इस बात का संकेत है कि ईरान के खिलाफ खुला युद्ध पश्चिम के लिए भी एक अनकंट्रोल खतरा बन चुका है। यह वक्त है कि दुनिया ईरान की रणनीतिक सोच, आत्मनिर्भरता और जवाबी ताकत को न सिर्फ समझे, बल्कि उसका सम्मान भी करे।

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