Site icon ISCPress

दमिश्क़ में नए सीरियाई समूह का अल-जूलानी गुट पर पहला हमला

दमिश्क़ में नए सीरियाई समूह का अल-जूलानी गुट पर पहला हमला

सीरिया में एक नया सशस्त्र समूह सामने आया है जिसने दमिश्क़ पर क़ाबिज़ विद्रोहियों और उनके विदेशी समर्थकों के खिलाफ सशस्त्र अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। यह समूह, जिसने खुद को “रिज़ाल अल-नूर – सराया अल-जवाद” नाम दिया है, ने एक वीडियो जारी कर बताया कि उन्होंने विद्रोही गुटों की एक गाड़ी को सीरियाई तटवर्ती क्षेत्र में निशाना बनाया है। समूह का कहना है कि यह कार्रवाई “सभी शहीदों का बदला लेने” के लिए है, विशेषकर उन लोगों का जो पिछले मार्च में सीरियाई तट पर बेरहमी से मारे गए थे।

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर प्रांत तर्तूस के अल-रादार इलाके में हुई अमानवीय हत्याओं की तस्वीरें और खबरें फैलीं, जहाँ विदेशी आतंकियों, जिनमें उइगुर नस्ल के लड़ाके भी शामिल थे, ने सीरियाई युवाओं को ज़ालिमाना तरीक़े से मौत के घाट उतारा। सबसे भयानक घटना बशार मेहूब की हत्या थी, जिसका सिर काटकर कार के आगे रखकर पूरे इलाके में घुमाया गया।

यह घटनाएँ इस बात का सबूत हैं कि, अल-जूलानी और उसके गुट, जिन्हें इज़रायल और उसके सहयोगियों का परोक्ष समर्थन प्राप्त है, सीरियाई जनता के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं। विद्रोही गुट न सिर्फ़ दमिश्क़ और तटीय इलाक़ों पर क़ब्ज़ा जमाना चाहते हैं बल्कि इज़रायली नीतियों के लिए ज़मीन तैयार कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि “रिज़ाल अल-नूर” जैसे नए समूहों का उभरना इस बात का संकेत है कि अब सीरिया की जनता इज़रायल-समर्थित विद्रोही ताक़तों और अल-जूलानी जैसे नेताओं के आतंक के खिलाफ संगठित होकर जवाब दे रही है।

बशार अल-असद की सरकार पर हमलों के पीछे असल मक़सद सीरिया को अस्थिर करना और इज़रायल के लिए सुरक्षित सीमाएँ तैयार करना है। लेकिन सीरियाई प्रतिरोध का यह नया अध्याय दिखाता है कि जनता अब अपने दुश्मनों को सीधे निशाना बनाने के लिए तैयार है।

Exit mobile version