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नई सीरियाई सरकार एक आतंकवादी समूह है: इज़रायली विदेश मंत्री

नई सीरियाई सरकार एक आतंकवादी समूह है: इज़रायली विदेश मंत्री

इज़रायली शासन के विदेश मंत्री गिदोन सार ने दावा किया है कि सीरिया की नई सरकार इदलिब के एक इस्लामी चरमपंथी समूह से बनी है, जिसने जबरन दमिश्क़ पर क़ब्ज़ा कर लिया है। नई सीरियाई सरकार एक आतंकवादी समूह है। उन्होंने कहा कि बशर अल-असद के सत्ता से हटने पर इज़रायल को खुशी है, लेकिन नई सरकार अलवियों से बदला ले रही है और कुर्दों को नुकसान पहुंचा रही है।

गिदोन सार ने चेतावनी देते हुए कहा कि इज़रायल अपनी सीमाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने दावा किया कि सीरिया में हमास और इस्लामिक जिहाद इज़रायल के खिलाफ नया मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इससे पहले, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इज़रायली सेना के एक कार्यक्रम में कहा था कि उनकी सेना गोलान हाइट्स और बफर ज़ोन में बनी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हयात तहरीर अल-शाम और सीरिया की नई सेना को दमिश्केक़ के दक्षिण में घुसने नहीं दिया जाएगा। नेतन्याहू ने धमकी दी थी कि, इज़रायल दक्षिणी सीरिया में द्रूज़ समुदाय के खिलाफ किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेगा।

इज़रायली हस्तक्षेप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
इज़रायली नेताओं के इन बयानों के बाद, सीरिया के दारा और सुवैदा प्रांतों में इज़रायली हस्तक्षेप के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए। स्थानीय नागरिकों और समुदायों ने मांग की कि इज़रायल सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने इज़रायल पर आरोप लगाया कि वह सीरिया में अस्थिरता फैलाने और विभाजन की राजनीति करने की कोशिश कर रहा है।

बता दें कि, सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद जो हालात बन रहे हैं, वे पूरी दुनिया की नजरों में हैं। सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद जो नया राजनीतिक परिदृश्य उभर रहा है, उसमें इज़रायल, तहरीर अल-शाम, कुर्द और अन्य गुटों के हित टकरा रहे हैं। इज़रायल की चिंताओं को लेकर कुछ देशों ने समर्थन जताया है, लेकिन सीरियाई नागरिकों ने इसे इज़रायली हस्तक्षेप करार दिया है। अब देखना यह होगा कि इस पूरे घटनाक्रम में आगे क्या मोड़ आता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर क्या रुख अपनाता है।

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