नेतन्याहू के बेटे का बयान: जान के डर से मैंने इज़रायल छोड़कर अमेरिका में शरण ली
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे याईर नेतन्याहू ने पहली बार खुलकर कबूला है कि उसने अपनी जान के खतरे के कारण 2023 की शुरुआत में इज़रायल छोड़कर अमेरिका का रुख किया। उसने यह बात एक इंटरव्यू में स्वीकार की, जो हाल ही में एक स्थानीय चैनल TOV पर प्रसारित हुआ।
याईर ने कहा कि जिस रात उनके पिता ने पूर्व रक्षामंत्री योआव गैलेंट को पद से हटाया था, उसी रात विरोध भड़क उठा। वे घर में अकेले थे और उन्हें डर था कि गुस्साए प्रदर्शनकारी घर में घुस सकते हैं। उन्होंने बताया कि “लोग मशाल लेकर मेरे घर की बाउंड्री फांद रहे थे। यह एक फासीवादी तरीका है। मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही थी और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। साफ था कि सब कुछ किसी बड़े आदेश के तहत हो रहा था।”
विरोध के डर से अमेरिका का रुख
उन्होंने बताया कि उस घटना के बाद उन्हें साफ हो गया कि इज़रायल में रहना अब सुरक्षित नहीं है। इसलिए वह मियामी, अमेरिका चले गए। लेकिन वहां भी उनका पीछा नहीं छूटा। उन्होंने आरोप लगाया कि कापलान आंदोलन नाम का विरोधी गुट उन पर नज़र रखने के लिए करोड़ों खर्च करके निजी जासूसों को लगा रहा है।
प्रदर्शन या मानसिक बीमारी?
याईर ने आंदोलन को केवल विरोध नहीं, बल्कि “आतंक की रणनीति” बताया। उनके अनुसार, “ये लोग मानसिक रूप से बीमार हैं, कुछ तो पागलखानों में बंद हैं, और कुछ बाहर हैं। वे प्रदर्शन की आड़ में सरकार को घुटनों पर लाना चाहते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट पर गंभीर आरोप
याईर नेतन्याहू ने इज़रायल की सुप्रीम कोर्ट पर भी हमला बोला और कहा कि यह एक “बिना चुना गया ताक़तवर संस्था” है जो लोकतंत्र को बाधित कर रही है। उन्होंने अपने पिता की सरकार से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों को सीमित करने के लिए कानून बनाया जाए, ताकि वह क्नेस्सेट (संसद) या सरकार के फैसलों में हस्तक्षेप न कर सके।

