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प्रधानमंत्री आवास पर ड्रोन हमले के बाद नेतन्याहू की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री आवास पर ड्रोन हमले के बाद नेतन्याहू की प्रतिक्रिया

इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कैसारिया स्थित आवास पर एक ड्रोन द्वारा किए गए हमले के बाद, इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। यह ड्रोन लेबनान से उड़ाया गया था और सीधे नेतन्याहू के घर से आकर टकराया। हालांकि, सौभाग्य से हमले के समय नेतन्याहू और उनकी पत्नी आवास में मौजूद नहीं थे।

इस घटना के बाद, नेतन्याहू ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम अंत तक लड़ते रहेंगे और कुछ भी हमें रोक नहीं सकेगा।” उन्होंने साफ किया कि इज़रायल किसी भी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है और हिज़्बुल्लाह संगठन को उनके कृत्यों का माकूल जवाब मिलेगा।

इज़रायली सेना ने भी इस हमले की पुष्टि की और बताया कि लेबनान से दो ड्रोन को तो रास्ते में ही मार गिराया गया था, लेकिन तीसरा ड्रोन कैसारिया स्थित एक इमारत से जा टकराया। इज़रायली रेडियो और टेलीविजन के अनुसार, यह ड्रोन करीब 70 किलोमीटर की दूरी तय करके लेबनान से इज़रायली क्षेत्र में पहुंचा था।

हिज़्बुल्लाह का दावा और लगातार बढ़ते हमले
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब हिज़्बुल्लाह ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह इज़रायल के खिलाफ संघर्ष के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। हिज़्बुल्लाह ने कहा था कि वे अब इज़रायली के खिलाफ अपने हमलों को और तेज़ करेंगे। यह ड्रोन हमला उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

इज़रायल के प्रमुख अखबार ‘मआरीव’ के अनुसार, यह एक सप्ताह में तीसरी बार है जब हिज़्बुल्लाह के ड्रोन इज़रायली क्षेत्र में सफलतापूर्वक घुसपैठ कर चुके हैं। इससे पहले भी हिज़्बुल्लाह के ड्रोन इज़रायल की सुरक्षा प्रणाली को भेदते हुए उसकी सीमा के अंदर घुस चुके हैं, जिससे इज़रायली सेना की क्षमताओं पर सवाल उठने लगे हैं।

इज़रायली सुरक्षा स्थिति और भविष्य की योजना
इज़रायल के लिए यह घटना एक गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश करती है, खासकर जब देश को लगातार ऐसे हमलों का सामना करना पड़ रहा है। सेना ने बताया कि वे इस हमले के पीछे की योजना की जांच कर रहे हैं और भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए और भी कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे।

इज़रायल के सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हिज़्बुल्लाह ने अपने ड्रोन हमलों की क्षमताओं को और भी अधिक उन्नत कर लिया है और वे अब इज़रायल की सुरक्षा में कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं। इस घटना के बाद, यह संभावना है कि इज़रायल अपने लेबनान सीमा पर सुरक्षा उपायों को और भी मजबूत करेगा और हिज़्बुल्लाह के खिलाफ कठोर सैन्य कार्रवाई करने पर विचार करेगा।

इस घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भी नजरें इज़रायल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव पर टिकी हैं। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह स्थिति अत्यंत संवेदनशील है, क्योंकि यह संघर्ष किसी भी समय बड़े पैमाने पर युद्ध में तब्दील हो सकता है। इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच इस बढ़ते संघर्ष से न केवल इज़रायल और लेबनान बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र की स्थिरता को खतरा हो सकता है।

ड्रोन हमले की यह घटना इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष का एक और प्रमाण है। हिज़्बुल्लाह के इन हमलों से एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि दोनों पक्षों के बीच का संघर्ष जल्द खत्म होने वाला नहीं है। इज़रायल जो लेबनान को ग़ाज़ा पट्टी समझने की कोशिश कर रहा है वह उसके लिए बड़ी भूल साबित हो सकता है। हिज़्बुल्लाह यह पहले की दो जंगों में साबित भी कर चुका है।

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